पटना। बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल नेता एवं महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी प्रसाद यादव ने आज कहा कि उनकी सरकार बनने पर दस लाख सरकारी नौकरी के साथ ही रोजगार सृजन के लिए नई औद्योगिक नीति बनाई जाएगी।
विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता यादव ने महागठबंधन प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए रवाना होने से पूर्व यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा के साथ ही अन्य वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी का ‘प्रथम प्रतिज्ञा प्रथम प्यार, सुखी समृद्ध सर्वोत्तम बिहार’ के नाम का घोषणा पत्र जारी किया। उन्होंने कहा कि यह पार्टी का घोषणा पत्र नहीं बल्कि राजद का संकल्प है।
यादव ने कहा कि बिहार को खुशहाल और समृद्ध बनाएंगे। प्रदेश का हर गांव स्मार्ट बनेगा। उन्होंने कहा कि संविदा व्यवस्था को समाप्त कर सभी कर्मचारियों को स्थाई किया जाएगा तथा समान काम के बदले समान वेतन दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी में दो तरह की व्यवस्था नहीं होगी।
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि सरकारी नौकरी के साथ रोजगार सृजन के लिए उद्योगों को प्रोत्साहन देने के इरादे से नई औद्योगिक नीति बनाई जाएगी। राज्य के मूल निवासी युवाओं से सभी सरकारी बहाली परीक्षाओं के आवेदन शुल्क नहीं लिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जीविका कैडरों को नियमित वेतन पर स्थाई नौकरी के साथ समूह के सदस्य को ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा।
यादव ने कहा कि बिहार में मौजूदा बिजली की दरों को कम किया जाएगा। चीनी, मखाना, फलों के डिब्बाबंद खाद्य सामग्री, पैकेट में बंद खाद्य सामग्री, मत्स्य पालन, मुर्गी और बत्तख पालन आधारित व्यवसायों के लिए ब्याज मुक्त ऋण की व्यवस्था की जाएगी। इसी तरह घोषणा पत्र में कई अन्य वादे भी किए गए।
प्रतिपक्ष के नेता ने कहा कि जो लोग उनकी घोषणाओं का मजाक उड़ाते थे वह खुद रोजगार देने की बात कर रहे हैं। उधर, भारतीय जनता पार्टी कह रही है कि हम रोजगार देंगे तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री एवं जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार नौकरी देने के नाम पर अपना हाथ खड़ा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा अपना मुख्यमंत्री का चेहरा तक तय नहीं कर पाई है। भाजपा नेता एवं बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी तो बिहारियों को बेइज्जत करने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं।