पटना। कोरोना काल में देश के पहले बिहार विधानसभा चुनाव में प्रथम चरण में बुधवार को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच संक्रमण से बचाव की हिदायतों का सख्ती से पालन करते हुए संपन्न हुए मतदान में वोटरों का उत्साह कम नहीं हुआ और लगभग 54 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर 1066 उम्मीदवार के भाग्य फैसला इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में कैद कर दिया।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एचआर श्रीनिवास ने मतदान समाप्ति के बाद अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार की उपस्थिति में यहां आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बताया कि प्रथम चरण में विधानसभा की 71 सीटों के लिए 31371 मतदान केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुए मतदान में लगभग 53.54 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटिंग की है जबकि वर्ष 2015 में विधानसभा सीटों पर मतदान प्रतिशत 54.75 प्रतिशत रहा था।
मतदान संपन्न होने के बाद सबसे अधिक 59.57 प्रतिशत वोट बांका जिले के पांच विधानसभा क्षेत्र में पड़े हैं जबकि सबसे कम 47.36 प्रतिशत वोटिंग मुंगेर जिले की तीन विधानसभा सीट पर हुई है।
श्रीनिवास ने जिलावार ब्यौरा देते हुए बताया कि भागलपुर जिले में 54.20 प्रतिशत, बांका में 59.57 प्रतिशत, मुंगेर में 47.36 प्रतिशत, लखीसराय में 55.54 प्रतिशत, शेखपुरा में 55.96 प्रतिशत, पटना में 52.51 प्रतिशत, भोजपुर में 48.29 प्रतिशत, बक्सर में 54.07, कैमूर में 56.20 प्रतिशत, रोहतास में 49.59 प्रतिशत, अरवल में 53.85 प्रतिशत, जहानाबाद में 53.93 प्रतिशत, औरंगाबाद में 52.85 प्रतिशत, गया में 57.05 प्रतिशत, नवादा में 52.34 प्रतिशत और जमुई जिले में 57.41 प्रतिशत मतदान हुआ है।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि इससे पूर्व वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव में भागलपुर जिले में 53.77 प्रतिशत, बांका में 56.43, मुंगर में 52.24, लखीसराय में 53.18, शेखपुरा में 55.10, पटना में 56.98, भोजपुर में 52.03, बक्सर में 57.48, कैमूर में 59.65, रोहतास में 54.37, अरवल में 51.39, जहानाबाद में 57.08, औरंगाबाद में 53.04, गया में 57.07, नवादा में 52.08 और जमुई जिले में 54.11 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।
प्रथम चरण के मतदान के दौरान रिजर्व सहित कुल 38026 कंट्रोल यूनिट, 51201 बैलेट यूनिट तथा वीवीपैट का इस्तेमाल किया गया है, जिनमें से 111 कंट्रोल यूनिट, 90 बैलेट यूनिट तथा 215 वीवीपैट मॉक पोल के दौरान बदले गए हैं।
मॉक पोल के बाद भी 77 कंट्रोल यूनिट, 92 बैलेट यूनिट और 403 वीवीपैट बदले गए हैं मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव के लिए 35 सामान्य प्रेक्षक, उम्मीदवारों के खर्च की निगरानी के लिए 21 प्रेक्षक, 11 पुलिस प्रेक्षक और 2123 माइक्रो प्रेक्षक प्रतिनियुक्त किए गए थे। उन्होंने बताया कि प्रथम चरण के चुनाव में 119 मॉडल मतदान केंद्र बनाए गए थे। वहीं निष्पक्ष चुनाव के लिए 1708 वीडियो कैमरे का इस्तेमाल किया गया था।
अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) जितेंद्र कुमार ने बताया कि आज मतदान के दौरान एहतियात के तौर पर 159 लोगों को हिरासत में लिया गया है । गया नगर विधानसभा क्षेत्र के भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी डॉ. प्रेम कुमार के खिलाफ गया कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 की घोषणा के बाद से अब तक प्रथम चरण के चुनाव वाले क्षेत्र में कुल 534 हथियार, 190 कार्टिज और तीन बम जब्त किए गए हैं।
इससे पूर्व उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा, बिहार चुनाव के प्रभारी चंद्रभूषण कुमार के साथ ही सुदीप जैन और आशीष कुंद्रा ने दिल्ली में संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कुछ ही मतदान केंद्र हैं, जहां वीवीपैट या ईवीएम खराब होने या उन्हें बदले जाने की सूचना मिली।
चुनाव आयोग ने बिहार में विधानसभा चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं, खासकर दिव्यांगों और वृद्ध मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की सुविधा दी गई।
सिन्हा ने बताया कि कोरोना संक्रमण से मतदाताओं और मतदानकर्मियों के बचाव के लिए सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षात्मक उपाय के लिए विशेष व्यवस्था किए जाने के संबंध में आयोग ने दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सभी बूथों पर यह सुविधाएं पहुंच भी गई है। इसकी बदौलत हम पूर्ण विश्वास के साथ कह सकते हैं कि मतदाताओं के द्वारा भी सभी नियमों के पालन किए गए हैं।
उप चुनाव आयुक्त ने बताया कि 2646 मतदान केंद्रों पर लाइव वेबकास्टिंग की व्यवस्था की गई थी। मतदान केंद्र के निरीक्षण के लिए 2746 सेक्टर अधिकारी प्रतिनियुक्त किए गए थे। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही मतदान केंद्रों की निगरानी जीपीएस ट्रेकिंग डिवाइस की मदद से की गई है। मतदान केंद्रों पर मास्क, फेस शील्ड, ग्लव्स और सैनिटाइजर की व्यवस्था की गई। साथ ही मतदाताओं को भी थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही मतदान की अनुमति दी गई।
गौरतलब है कि प्रथम चरण के विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने जिन दिग्गजों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद कर दिया है उनमें मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी, शिक्षा मंत्री कृष्णनंद प्रसाद वर्मा, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री जय कुमार सिंह, राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद और परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी प्रमुख हैं।