पटना | बिहार के बक्सर जिले के नंदन गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काफिले पर शुक्रवार को पथराव की घटना के बाद जहां सत्तापक्ष और विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है, वहीं इस पूरे मामले में जांच के आदेश दे दिए गए हैं। मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले की जांच का जिम्मा पटना क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक नैयर हसनैन खां और आयुक्त आनंद किशोर को सौंपा गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शनिवार को बताया कि दोनों अधिकारियों ने जिले के अधिकारियों से इस मामले में पूछताछ कर ली है और आज ही उस गांव में भी जाकर लोगों से पूछताछ करेंगे। पूरे मामले की जांच के बाद ये अधिकारी अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे।
इधर, इस घटना के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष में भी आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है। पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले को बेहद चिंताजनक बताते हुए मुख्यमंत्री को पहले अपने व्यक्तित्व और राजनीतिक चरित्र की समीक्षा करने की सलाह दी है।
तेजस्वी ने एक विज्ञप्ति जारी कर कहा, “मुख्यमंत्री आत्ममनन और चिंतन करें कि हर जगह, हर समय और हर क्षेत्र के लोग उनका विरोध क्यों और किसलिए कर रहे हैं? मुख्यमंत्री बताएं कि किस असुरक्षा की भावना से ग्रस्त होकर वह शिक्षा, स्वास्थ्य, विकास और रोजगार जैसे अति जरूरी और गंभीर मसलों को छोड़कर दूसरे राग अलाप रहे हैं?’
इधर, जद (यू) ने भी तेजस्वी के बयान पर पलटवार करते हुए उन्हें ‘कानूनी चिंतन’ करने की सलाह दे दी। जद (यू) के प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने शनिवार को कहा, “तेजस्वी यादव जी को भ्रष्टाचार के मामले में जेल गए पिता लालू प्रसाद को जेल से निकालने के लिए ‘कानूनी चिंतन’ करना चाहिए।”
उन्होंने तेजस्वी को चुनौती देते हुए कहा कि वे तो कभी अपने विधानसभा क्षेत्र में भी लोगों की समस्या सुनने नहीं जाते, मुख्यमंत्री पूरे राज्य की जनता की समस्या को जानने उनके घर जा रहे हैं। नीरज ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हमले को कुत्सित मानसिकता के लोगों का काम बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों पर पुलिस उचित कार्रवाई करेगी। ऐसे लोग ‘न्याय के साथ सुशासन’ व्यवस्था में सरकार के लिए चुनौती हैं।
इधर, जद (यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि तेजस्वी का बयान और रुख यह दर्शाता है कि मुख्यमंत्री पर किए गए इस हमले में उनकी मिलीभगत है। राजनीति में विरोध करना ठीक है लेकिन इस तरह हमला करवाना ठीक नहीं। हिंसा के लिए राजनीति में जगह नहीं है। इस तरह का हमला दुर्भाग्यपूर्ण है।
उधर, राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे ने कहा कि जद (यू) को किसी भी काम के लिए राजद पर आरोप लगाने की पुरानी आदत है। उन्होंने कहा, “अगर आप काम नहीं करेंगे तब जनता का आक्रोश झेलना ही पड़ेगा। अगर जनता अपनी परेशानियां मुख्यमंत्री को बताना चाहती है तो गलत क्या है?”
इधर, भाजपा के विधायक नितिन नवीन और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौधरी ने मुख्यमंत्री के काफिले पर हुए हमले की निंदा की है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री के काफिले पर उस समय ग्रामीणों ने पत्थरबाजी की थी जब वे अपनी विकास समीक्षा यात्रा के क्रम में बक्सर जिले के डुमरांव प्रखंड के नंदन गांव गए थे। इस घटना में मुख्यमंत्री को चोट नहीं लगी थी, लेकिन एक दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे।
देश से जुडी और अधिक खबरों के लिए यहां क्लिक करें
आपको यह खबर अच्छी लगे तो SHARE जरुर कीजिये और FACEBOOK पर PAGE LIKE कीजिए, और खबरों के लिए पढते रहे Sabguru News और ख़ास VIDEO के लिए HOT NEWS UPDATE और वीडियो के लिए विजिट करे हमारा चैनल और सब्सक्राइब भी करे सबगुरु न्यूज़ वीडियो