पटना। बिहार सरकार ने कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के उद्देश्य से किए गए लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत देने के लिए 100 करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज यहां उनके सरकारी आवास एक अणे मार्ग में कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन से उत्पन्न स्थिति पर हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस आशय का निर्णय लिया गया।
बैठक में निर्णय लिया गया कि तत्काल पटना और बिहार के अन्य शहरों में जो भी रिक्शा चालक, दैनिक मजदूर एवं अन्य राज्यों के व्यक्ति जो लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं उनके रहने तथा भोजन की व्यवस्था राज्य सरकार अपने स्तर से करेगी।
इसी तरह बिहार के लोग जो बिहार के बाहर अन्य राज्यों में काम करते हैं और वे लॉकडाउन के कारण वहां के शहरों में फंसे हुए हैं या रास्ते में हैं उनके लिए भी राज्य सरकार स्थानिक आयुक्त नई दिल्ली के माध्यम से संबंधित राज्य सरकारों एवं जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर भोजन एवं आवासन के लिए आवश्यक व्यवस्था करेगी ।
नीतीश कुमार के निर्देश पर इस कार्य के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से आपदा प्रबंधन विभाग को 100 करोड़ रुपए की राशि जारी कर दी गई है। बिहार में पटना तथा अन्य शहरों में ऐसे लोगों के लिए वहीं पर आपदा राहत केंद्र स्थापित किया जाएगा तथा इन केंद्रों पर व्यवस्था करने में सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) का भी ख्याल रखा जाएगा। आपदा राहत केंद्रों पर कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए चिकित्सक उपलब्ध रहेंगे।
मुख्यमंत्री कुमार ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण राज्य के लोगों के फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह से की जाएगी जैसे अन्य आपदा पीड़ितों की की जाती है।
उन्होंने कहा कि बिहार के निवासी बिहार के किसी शहर या बिहार के बाहर कहीं भी फंसे हों वहीं पर उनकी मदद की जाएगी तथा बिहार में जो अन्य राज्यों के लोग फंसे हैं उनके लिए भी सरकार अपने स्तर से भोजन एवं आवासन की व्यवस्था करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी को भी कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।
बैठक में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, जल संसाधन मंत्री संजय झा, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे और प्रधान सचिव आपदा प्रबंधन प्रत्यय अमृत समेत अन्य अधिकारी उपस्थित थे।