पटना/नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को बिहार के विकास की गारंटी बताते हुए आज कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने लालटेन युग से एलईडी युग तक तथा जंगल राज से जनता के राज तक की यात्रा की है।
कोरोना महामारी के कारण लोक व्यवहार में आए बदलावों को स्वीकार करते हुए भाजपा के पूर्व अध्यक्ष शाह ने रविवार को डिजीटल माध्यम से भारतीय राजनीति की पहली वर्चुअल रैली ‘बिहार जनसंवाद’ को संबोधित किया। उन्होंने संबोधन की शुरुआत करते हुए कहा कि भारत की राजनीति के इतिहास में पहली वर्चुअल रैली में उपस्थित बिहार के सभी कार्यकर्ता भाइयों और बहनों आप सभी का मैं भाजपा की ओर से स्वागत करता हूं।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जब कांग्रेस पार्टी की नेता इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोटने का प्रयास किया तब बिहार की जनता ने ही जेपी आंदोलन करके फिर से एक बार लोकतंत्र को स्थापित करने का काम किया। उन्होंने कहा कि बिहार की धरती ने ही पहली बार दुनिया को लोकतंत्र का अनुभव कराया। जहां महान मगध साम्राज्य की नींव डाली गई। इस भूमि ने हमेशा भारत का नेतृत्व किया है।
उन्होंने कहा कि इस रैली का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। भाजपा लोकतंत्र में विश्वास रखती है। कोरोना संकट में हम जन संपर्क के अपने संस्कार को भुला नहीं सकते। उन्होंने भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा को इस बात की बधाई दी कि उन्होंने 75 वर्चुअल रैली के माध्यम से जनता से जुड़ने का मौका दिया है। उन्होंने कहा कि आज जब मैं वर्चुअल रैली के माध्यम से आपसे संवाद कर रहा हूं तब कुछ लोगों ने अभी थाली बजाकर इस रैली का स्वागत किया है। मुझे अच्छा लगा कि देर-सवेर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अपील को माना।
शाह ने कहा कि जो वक्रदृष्टा लोग इसमें भी राजनीति देखते हैं, उन्हें मैं कहता हूं कि किसने उन्हें रोका है, दिल्ली में बैठकर मौज करने की जगह, दिल्ली से लेकर पटना और दरभंगा की जनता को जोड़ने के लिए एक वर्चुअल रैली ही कर लेते। उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक दल के गुणगान गाने की रैली नहीं है। ये रैली जनता को कोरोना के खिलाफ जंग में जोड़ने और उनके हौसले बुलंद करने के लिए है।
उन्होंने कहा कि भाजपा की शक्ति संगठन है। मैं भाजपा के सभी कार्यकर्ताओं से कहना चाहता हूं कि ये मोदी जी का आहृवान है कि जब तक कोरोना के खिलाफ लड़ाई चल रही है तब तक ‘सेवा ही हमारा संगठन’ है, इस मंत्र के साथ हर जरूरतमंद की सेवा करें, जागरूक करें।
उन्होंने कहा कि 2014 में मोदी ने कहा था कि भारत का विकास जो अब तक चला उसमें पश्चिमी भारत और पूर्वी भारत के विकास में बहुत बड़ा अंतर है। आजादी के समय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अंदर पूर्वी भारत का योगदान बहुत ज्यादा होता था, लेकिन आजादी के बाद से जिस प्रकार से सरकारें चली उन्होंने पूर्वी भारत के विकास से मुंह मोड़ लिया था और परिणाम ये आया कि पूर्वी भारत पिछड़ता गया।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने छह साल के अंदर करोड़ों गरीबों के जीवन में प्रकाश लाने का एक प्रयास किया है जिसका सबसे बड़ा फायदा अगर किसी को हुआ है तो वो पूर्वी भारत के लोगों को हुआ है। आवास, बिजली, बैंक खाते, स्वास्थ्य सेवाएं, गैस सिलेंडर, शौचालय, ये सब तो मोदी सरकार 2014-2019 तक के कार्यकाल में ही दे चुकी थी। 2019 में मोदी सरकार ने जल शक्ति मंत्रालय गठित करके देश के 25 करोड़ लोगों के घर में नल से शुद्ध जल पहुंचाने की योजना शुरु की है।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी हमेशा कहते थे कि किसानों का कर्ज माफ करो। दस साल उनकी सरकार रही थी, तो वो दावा करते हैं कि करीब 3 करोड़ किसानों का 60 हजार करोड़ रुपए का कर्ज माफ किया। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान सम्मान निधि के माध्यम से 9.5 करोड़ किसानों के बैंक खाते में 72 हजार करोड़ रुपए हर साल डालने की व्यवस्था की।
आसियान देशों के साथ क्षेत्रीय समग्र आर्थिक साझेदारी के बारे में चर्चा करते हुए शाह ने कहा कि आरसीईपी की चर्चा कांग्रेस शुरु करके गई थी। इसकी वजह से छोटे किसान, मछुवारे, छोटे कारोबारी, छोटे उद्योग ये सब तबाह हो जाते। मोदी ने छोटे किसानों, छोटे व्यापारियों के हित में दृढ़ता से फैसला लेते हुए आरसीईपी समझौते से भारत को अलग कर लिया।
कोरोना के खिलाफ जंग में जनता के समर्थन पर आभार व्यक्त किया और कहा कि जनता कर्फ्यू भारत के लोकतांत्रिक इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा कि देश के एक नेता की अपील पर कोई पुलिस बल प्रयोग किए बगैर पूरे देश ने घर के अंदर रहकर अपने नेता की अपील का सम्मान किया। चाहे उन्होंने थाली और घंटी बजाने को कहा, चाहे दीया जलाने को कहा, चाहे सेना के जवानों द्वारा आकाश से कोरोना वॉरियर्स पर फूल बरसाने की बात हो, ये सब मोदी की अपील ही थी।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों ने इसे राजनीतिक प्रोपेगेंडा कहा, मगर जो कह रहे हैं उनको ये मालूम नहीं है कि ये राजनीतिक प्रोपेगेंडा नहीं है बल्कि ये देश को एक बनाने की मुहिम है। देश की 130 करोड़ जनता मोदी के साथ कोरोना की लड़ाई में चट्टान की तरह खड़ी है। उन्होंने कहा कि देश का कोई भी कोना हो, उसके विकास की नींव में बिहार के व्यक्ति के पसीने की महक है। जो लोग उन्हें अपमानित करते हैं वो प्रवासी मजदूरों के जज्बे को नहीं समझते हैं। कोरोना महामारी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कहा कि सभी जगह प्रवासी मजदूरों को सम्मान से रखा जाए और उनके लिए 11 हजार करोड़ रुपए राज्यों को दिए हैं।
उन्होंने कहा कि मैं आज इस मंच से कहना चाहता हूं कि देश का कोई भी हिस्सा चाहे मुंबई, दिल्ली, हरियाणा, गुजरात, कर्नाटक, तमिलनाडु हो, जो विकसित है इसकी नींव में जाएंगे तो मेरे बिहार के प्रवासी मजदूर के पसीने की महक आती है। बिहार के व्यक्ति का पसीना इस देश के विकास की नींव में है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने करीब 1.25 करोड़ प्रवासी मजदूरों को हजारों ट्रेनों के माध्यम से उनके घरों तक पहुंचाया। उनके लिए भोजन की व्यवस्था की गई, पीने के पानी की व्यवस्था की गई। उनके गृह राज्यों में क्वारंटाइन की व्यवस्था की गई।
शाह ने कहा कि मोदी ने मंत्रिमंडल की पिछली बैठक में निर्णय लिया कि ‘एक देश-एक राशन कार्ड’। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा के मजदूर देश के कई हिस्सों में काम करते हैं। इससे अब श्रमिक भाई-बहन अपने हिस्से का राशन, देश में कहीं पर भी हों वहां से ले सकेंगे।
गृह मंत्री ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा कि नीतीश जी और सुशील जी दोनों प्रसिद्धि करने में थोड़े से कच्चे हैं। वो रोड पर खड़े होकर थाली नहीं बजाते हैं, वो चुपचाप सहायता के लिए काम करने वाले लोग हैं। नीतीश जी और सुशील जी के नेतृत्व में बिहार सरकार ने बहुत अच्छे से ये लड़ाई लड़ी है।
उन्होंने कहा कि बिहार के लिए जो 1.25 लाख करोड़ रुपए का पैकेज मोदी सरकार ने दिया था तो उसे हमने वास्तविकता में बदलने का काम किया है। उन्होंने कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं परिवारवादी लोगों को आज कहता हूं कि अपना चेहरा आईना मैं देख लीजिए, 1990-2005 इनके शासन में बिहार की विकास दर 3.19 प्रतिशत थी, आज नीतीश जी के नेतृत्व में ये 11.3 प्रतिशत तक विकास दर पहुंचाने का काम राजग की सरकार ने किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में हम लालटेन युग से एलईडी युग तक आए हैं। लूट एंड ऑर्डर से लॉ एंड ऑर्डर तक की यात्रा हमने की है। जंगल राज से जनता राज तक हम आए हैं। बाहुबल से विकास बल तक आए हैं और चारा घोटाले से डीबीटी तक की यात्रा प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में सफलतापूर्वक तय की है।
भाजपा की इस पहली वर्चुअल रैली ने सोशल मीडिया पर अभूतपूर्व सफलता दर्ज की। कार्यक्रम की समाप्ति तक फेसबुक पर जहां ‘बिहार जन-संवाद’ वर्चुअल रैली को 14 लाख से अधिक व्यूज मिले वहीं यूट्यूब पर इसे 1.40 लाख से ज्यादा व्यूज मिले। ट्विटर पर इसे 66 हजार से अधिक व्यूज मिले। यह रैली ट्विटर पर लगातार ट्रेंड करता रहा और इस हैशटैग के साथ 40 हजार से ज्यादा ट्वीट किया गया।