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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से शोक में डूबा बिहार - Sabguru News
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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से शोक में डूबा बिहार

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केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन से शोक में डूबा बिहार

पटना। बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर महज तेईस साल की उम्र में पहली बार विधायक बन चमके एक सितारे रामविलास पासवान के निधन से उनके 51 साल की जनसेवा को याद कर आज पूरा राज्य शोक के सागर में डूब गया।

पासवान की जन्मभूमि खगड़िया जिले के शहरबन्नी से लेकर उनका राजनीतिक गढ़ माने जाने वाला हाजीपुर समेत पूरे राज्य का प्रत्येक व्यक्ति आज शोक में डूबा है। राजनीतिक क्षेत्र में भी उनके समर्थक एवं विपक्षी सभी दलों के नेता कार्यकर्ता समान रूप से उन्हें याद कर दुखी हैं।

राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) विधानमंडल दल की नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव समेत मंत्री, विधायक, सांसद एवं सभी दल के नेता एवं कार्यकताओं ने पासवान के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने पासवान के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने रेल सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के केन्द्रीय मंत्री के रूप में कई बार अपनी प्रतिभा, योग्यता, कर्तव्यपरायणता एवं अनुभव के बल पर देश एवं समाज की अप्रतिम सेवा की।

वह समाज के प्रत्येक वर्ग में काफी लोकप्रिय राजनेता रहे तथा विशेषकर गरीबों एवं अभिवंचितों की सेवा में आजीवन लगे रहे। उनके निधन से संपूर्ण देश एवं समाज तथा विशेषकर बिहार राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है।

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पासवान भारतीय राजनीति के बड़े हस्ताक्षर थे। वे प्रखर वक्ता, लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक, मजबूत संगठनकर्ता एवं बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। वह पहली बार वर्ष 1969 में बिहार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे।

वह 1977 में पहली बार हाजीपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे और उनकी यह जीत विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज हुई थी। कहा कि उनसे हमारा बहुत पुराना रिश्ता था। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि भारतीय राजनीति के पुरोधा एवं केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के निधन की सूचना मिली है। ऐसे सामाजिक योद्धा का देहांत भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।

उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पासवान के निधन को बिहार की राजनीति की अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि पासवान से उनका 30 वर्षों से ज्यादा का साथ-सम्पर्क रहा है। वे जिस भी विभाग के मंत्री रहे अपनी अमिट छाप छोड़ी और हमेशा पूरे देश और बिहार के लिए काम किया।

उनके योगदान को बिहार की जनता कभी भूल नहीं सकती है। पासवान एक ऐसे दलित नेता थे, जो हमेशा समाज के सभी वर्गों से समन्वय और तालमेल बैठा कर अपनी राजनीति करते रहे। इसी वजह से दलितों, पिछड़ों के साथ सवर्णों का भी उन्हें हमेशा साथ मिला। दुख की इस घड़ी में ईश्वर उनके सभी समर्थकों, शुभचिंतकों को धैर्य प्रदान करें।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि वे देश के स्थापित राजनेता थे। उनके निधन के समाचार को जान कर हम सब अत्यंत दुखी एवं मर्माहत हैं। नेता प्रतिपक्ष ने कहाकि उनका संबंध हमारे परिवार से बहुत गहरा और निकट का था। वह हम सब के अभिभावक समान थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक जगत को अपूरणीय क्षति हुई है। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति दे।

पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने पासवान के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि देश ने अपना नेता और मैंने अपना बड़ा भाई खो दिया है। मेरे लिए यह पीड़ा असहनीय है। उनकी कमी मुझे हमेशा खलेगी।

जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व.पासवान जेपी आंदोलन के साथी थें। उनके निधन से बिहार के साथ-साथ देश ने एक समाजवादी नेता खो दिया, जिसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं है।

उन्होंने अपने संसदीय जीवन में लोकसभा सदस्य के रूप में बिहार का प्रतिनिधित्व करते हुये एक नया स्वरूप प्रदान किया था। केंद्र में रहते हुए उन्होंने विभिन्न मंत्रालयों का निष्ठा एवं कर्मठतापूर्वक कार्य निभाया एवं दलितों के उत्थान के लिए आजीवन संघर्षरत रहे। उनके निधन से बिहार ही नहीं देशावासी मर्माहत हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि ईश्वर उनकी आत्मा की शांति दें तथा परिवारजनों को इस दुखः की घड़ी में संबल प्रदान करें।

भाजपा के बिहार चुनाव प्रभारी एवं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पासवान निधन के बारे में जानकर अत्यंत दुख हुआ। कई दशकों तक उन्होंने जनता के दिल पर राज किया। बिहार की राजनीति को बदलने वाले नेताओं में एक थे। अत्यंत विनम्र, सरल और हमेशा लोगों की मदद करने के लिए वह सदा तत्पर रहते थे।

उनके निधन से हमने एक महान मानवतावादी नेता को खो दिया है। महाराष्ट्र से जुड़े कई मुद्दों को लेकर हमेशा उनसे मेरी मुलाक़ात होती रही। हर बार वह बेहद सकारात्मक रूप से मिलते। गरीबों और वंचितों के उत्थान के लिए उनका संघर्ष हमेशा याद किया जाएगा। इस महान नेता को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।

लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि पासवान का निधन राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जीवनकाल शोषितों, वंचितों के सामाजिक सशक्तिकरण का पर्याय रहा है। ईश्वर दिवगंत आत्मा को शांति प्रदान करें।

जदयू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष एवं भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी कहा कि उनका निधन राजनीतिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। समाजवादी आंदोलन के मज़बूत स्तम्भों में से एक स्व. रामविलास पासवान ने सदा अभिवंचित वर्ग के लिए आवाज उठाई। जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि लगभग 50 वर्षों के संसदीय जीवन में उन्होंने अनेक महत्वपूर्ण जिम्मेवारियों का निर्वहन किया और हर जगह अपनी कार्यकुशलता एवं प्रशासनिक कौशल से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन से राजनीतिक जगत में अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में मुश्किल है। उनका जाना देश के लिए गहरा धक्का है। उनसे मेरा गहरा लगाव था और मेरे अभिभावक तुल्य थे। पांच दशक से भी अधिक समय तक संसदीय राजनीति में उनके संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता।

कृषि, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि पासवान देश की राजनीति का नब्ज पकड़ने वाले नेता के रूप में जाने जाते थे। वह भारतीय दलित राजनीति के प्रमुख नेताओं में एक थे। गरीब एवं दलित वर्ग को लेकर आवाज उठाने वाले नेता को देश ने खो दिया। पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि देश ने आज अपना एक नेता खो दिया है, जिसकी भरपाई संभव नहीं है। दलितों की लड़ाई पर एक बड़ा विराम लग गया है।

बिहार कांग्रेस विधाननंडल दल के नेता सदानंद सिंह ने शोक-संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि पासवान दुनिया छोडकर जाना दुखद है। वह बिहार में दलित वर्ग की राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखते थे। वे जनता से जुडी राजनीति करते थे। उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है।

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी-लेनिनवादी (भाकपा-माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पासवान के असामयिक निधन का समाचार सुनकर बेहद दुखी हूं। वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड अंतर से उनकी जीत आपातकाल के खिलाफ एक जबरदस्त तमाचा था। अपने लम्बे राजनीतिक जीवन में वे प्रायः अपनी दिशा बदलते रहे लेकिन तमाम बदलावों के बीच वह सामाजिक न्याय खेमा का प्रमुख चेहरा बने रहे।

विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने श्री पासवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका निधन बिहार ही नहीं पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उनके द्वारा किये गए विकास कार्यो को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा, जन अधिकार पार्टी के प्रमुख राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा, जदयू के विधान परिषद में उप नेता रहे प्रो.असलम आजाद, जदयू के प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन और राष्ट्रीय सामाजिक न्याय मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र चौहान ने भी पासवान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

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