भभुआ। बिहार के कैमूर जिले में एक दलित लड़की के साथ कथित बलात्कार कर हत्या किए जाने से उग्र भीड़ के पथराव में जहां पुलिस उपाधीक्षक समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गए वहीं लोगों ने पुलिस थाने में आग भी लगा दी।
पुलिस सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली एक लड़की को गंभीर हालत में मोहनिया स्टेशन के निकट रेलवे लाइन से बुधवार को बरामद किया गया था। लड़की का बायां हाथ कटा हुआ था।
स्थानीय लोगों की नजर पड़ने के बाद लकड़ी को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां गुरूवार को उसकी मौत हो गई। स्थानीय लोगों का आरोप है कि एक बैंक के ग्राहक सेवा केन्द्र के संचालक ने लड़की के साथ बलात्कार किया और अपराध छुपाने के लिए उसे रेलवे लाईन पर फेंक दिया।
इस बीच पुलिस अधीक्षक मोहम्मद फरोगउद्दीन ने बताया कि लड़की की मौत से परिजन समेत स्थानीय ग्रामीण उग्र हो गए और शव को बीच सड़क पर रख कर रामगढ़ के दुर्गा चौक को जाम कर दिया। उन्होंने बताया कि मामले की जानकारी मिलने के बाद पुलिस उपाधीक्षक रघुनाथ सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल ने मौके पर पहुंचे।
फरोगउद्दीन ने बताया कि पुलिस दल को देखते ही भीड़ उग्र हो गई और पथराव शुरू कर दिया। इस हमले में सिंह, निरीक्षक विंध्याचल समेत सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। इसके बाद उग्र भीड़ नजदीक के रामगढ़ थाना पहुंची और पेट्रोल डालकर थाने में आग लगा दी। उन्होंने बताया कि आग के कारण थाने को भारी नुकसान हुआ है।
इसके बाद पुलिस उप महानिरीक्षक (शाहाबाद प्रक्षेत्र) राकेश राठी अतिरिक्त पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और भीड़ को समझाने का प्रयास किया। इसके बावजूद जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने पहले हल्का बल प्रयोग किया और फिर हवाई फायरिंग की।
ग्रामीणों के हमले में गंभीर रूप से घायल पुलिस उपाधीक्षक और निरीक्षक को बेहतर इलाज के लिए उत्तर प्रदेश के वाराणसी भेजा गया है वहीं अन्य पुलिसकर्मियों का इलाज स्थानीय रेफरल अस्पताल में किया जा रहा है। इस सिलसिले में 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। स्थिति तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है। पुलिस और प्रशासन के वरीय अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं।