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बिहारशरीफ दंगा : 37 साल बाद फैसला, 6 लोगों को उम्रकैद
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बिहारशरीफ दंगा : 37 साल बाद फैसला, 6 लोगों को उम्रकैद

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बिहारशरीफ दंगा : 37 साल बाद फैसला, 6 लोगों को उम्रकैद
bihar sharif riot case 1981 : six gets life term
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बिहारशरीफ। बिहार में नालंदा जिले की एक अदालत ने बिहारशरीफ शहर में 1981 में हुए दंगों के मामले में करीब 37 साल बाद शुक्रवार को छह लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

जिला न्यायालय के प्रथम त्वरित न्यायाधीश राम प्रसाद अस्थाना ने 1981 में नालंदा जिले के बिहार थाना क्षेत्र के अलीनगर मोहल्ले में हुए दंगों के मामले में आरोपित ईश्वरी सिंह, छोटे कुम्हार, क्रिस्टो पटवा, लक्ष्मण राम, नंदलाल यादव, अजय सिंह और सुनील उर्फ सुनयना को हत्या समेत अन्य संगीन जुर्म में सजा सुनाई है।

अदालत ने भारतीय दंड विधान की धारा 302, 307, 392 एवं अन्य में इन सभी को दोषी पाते हुए यह सुनाई है। दोषी सुनील कहार, छोटे कहार, क्रिस्टो, ईश्वरी सिंह, नंदलाल यादव, अजय सिंह को आजीवन कारावास की सजा दी गई है जबकि लक्ष्मण राम को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई है। प्रत्येक पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना अदा न करने पर दोषियों को दो वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा।

सत्र परिवाद संख्या-108‍-83 के विचारण के दौरान अभियोजन पक्ष से अपर लोक अभियोजक सुनील कुमार सिन्हा और एसएम असलम ने सजा निर्धारण कर बहस करते हुए न्यायाधीश से इन्हें कड़ी सजा देने की सिफारिश की थी।

असलम ने बहस के दौरान कहा था कि ऐसे लोग समाज के लिये कोढ़ हैं जो संप्रदाय, जाति एवं धर्म के नाम पर निर्दोषों की हत्या कर विद्वेष और हिंसा की आग में समाज को झोंक सामाजिक भावना को आघात पहुंचाते हैं।

करीब 37 साल तक चले मामले में कुल 73 लोगों को आरोपित किया गया था। इसमें से केवल 32 आरोपित ही जीवित हैं जबकि अन्य की मौत हो चुकी है। 32 आरोपियों में से 31 ने ट्रायल फेस किया।

इसमें से रंजीत प्रसाद, राजकिशोर साव, हुमायूं कृष्णा साह, नंदू कुम्हार, रामचन्द्र कहार, महावीर ठठेरा समेत 21 आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया गया था। इसके अलावा आरोपित नंदू पंडित, विश्वनाथ पटवा एवं ललन राम को दोषी करार दिया गया। सजा पाने वाले सभी आरोपित एवं इस मामले के मृतक आरोपित विहार थाना क्षेत्र के अलीनगर मोहल्ले के रहने वाले हैं।

मामले के अनुसार 1 मई 1981 को दोपहर 12 बजे आरोपितों ने घटना को अंजाम दिया था। घटना में कई लोगों की जान गई थी तथा कई लोग जख्मी भी हुए थे। आरोपियों द्वारा इस घटना में गोली, विस्फोटक, भाला, चाकू वएवं लाठी का इस्तेमाल किया गया था।

इस मामले में बड़ी दरगाह निवासी मोहम्मद हासिम के फर्द बयान के आधार पर बिहार थाना में कांड संख्या : 333-81 के तहत आरोप दर्ज किया गया था। सभी दोषी लगभग 60 से 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। एक दोषी सुनील उर्फ सुनयना का स्वास्थ्य खराब रहने के कारण स्ट्रेचर पर कोर्ट में पेश किया गया।