अजमेर/पटना। बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं हम पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष शाहिद अली खान का गुरुवार को दिल का दौरा पडऩे से अजमेर में निधन हो गया। वे हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जियारत के लिए के लिए अजमेर शरीफ आए थे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने खान के निधन पर गहरा शोक जताया। उन्होंने कहा कि उनके निधन से राजनीति को अपूरणीय क्षति हुई। वे कुशल राजनेता थे और सामाजिक कार्यों में रुचि रखते थे। राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा।
शाहिद अली 1990 में पहली बार सीतामढ़ी से जनता दल के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे, उस समय वे बिहार से सबसे कम उम्र के विधायक थे। साल 2000 में राजद के टिकट पर सीतामढ़ी से चुनाव जीते।
साल 2005 में जदयू के टिकट पर पुपरी और 2010 में सुरसंड से विधायक बने और अल्पसंख्यक कल्याण, विधि व आईटी मंत्री रहे। साल 2015 में वे चुनाव हार गए। वे अपने पीछे तीन बेटियां छोड़ गए हैं, जिनमे से दो एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री व हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी व प्रदेश अध्यक्ष वृषिण पटेल ने उनके निधन पर शोक संवेदना प्रकट करते हुए कहा कि पार्टी ने एक सच्चा साथी खो दिया। मांझी ने कहा कि शाहिद अली का निधन पार्टी और मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है, वे पार्टी के स्तंभ थे।