नयी दिल्ली । सामान्य वर्ग के गरीबों को 10 प्रतिशत तक आरक्षण देने के लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश कर दिया गया।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने 124वाँ संविधान संशोधन विधेयक सदन के पटल पर रखा। विधेयक के उद्देश्य एवं कारणों में लिखा गया है कि अभी आर्थिक रूप से कमजोर लोग बड़े पैमाने पर उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश तथा सरकारी नौकरियों से वंचित हैं क्योंकि वे आर्थिक रूप से मजबूत वर्ग के साथ प्रतिस्पर्द्धा नहीं कर पाते।
यदि वे सामाजिक तथा शैक्षिक रूप से पिछड़ेपन के विशेष मानकों को पूरा नहीं करते तो उन्हें संविधान के अनुच्छेद 15 तथा अनुच्छेद 16 के तहत आरक्षण के भी पात्र नहीं होते। इसमें लिखा है “यह सुनिश्चित करने के लिए कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को उच्च शिक्षा तथा सरकारी नौकरियों में उचित अवसर मिले, संविधान में संशोधन का फैसला किया गया है।”