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biography of maulana abul kalam azad in hindi - Sabguru News
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मौलाना अब्दुल कलाम आजाद

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मौलाना अब्दुल कलाम आजाद
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मौलाना अब्दुल कलाम आजाद | जिन मुसलमानों ने कांग्रेस का हमेशा साथ दिया था और देश के स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भाग लिया उनमें मौलाना आजाद का नाम सबसे महत्वपूर्ण हैं। उनका जन्म मक्का में 11 नवंबर 1888 को हुआ था। मौलाना आजाद ने 1912 में  अलहिलाल नामक पत्र निकाला।इसके द्वारा उन्होंने सर अहमद खां द्वारा फैलाई हुई विचारधारा का विरोध किया और मुसलमानों को कांग्रेस के नेतृत्व में स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
अतः उनके सबसे बड़ा योगदान भारतीय राजनीति में सांप्रदायिकता का विरोध और राष्ट्रवाद का प्रचार प्रसार करना था। उन्होंने हिंदू मुस्लिम एकता के लिए भी महान कार्य किया है।
वे उर्दू फारसी और अरबी के बहुत उच्च कोटि के विद्वान थे। वे कांग्रेस के अतिरिक्त मुसलमानों की प्रसिद्ध संस्था जमय्यत-उल-उलमाए हिंद के भी प्रधान रहे। 22 फरवरी 1958 को उनका स्वर्गवास हो गया ।उनका मजार पुरानी दिल्ली में जामा मस्जिद के समीप परेड ग्राउंड में बनाया गया था।
इतिहास ने हमारी सांझी सफलताओं को समृद्ध किया है। हमारी भाषाएं, हमारा साहित्य, काव्य, संस्कृति, कला, वेशभूषा, हमारे रीति रिवाज़, दैनिक जीवन के घटनाएं इत्यादि सभी पर सांझें प्रयत्नों की अमिट छाप है। मौलाना आजाद ने जिस राष्ट्रवाद की स्थापना की थी वह लोकतांत्रिक तथा धर्मनिरपेक्ष था। मौलाना आजाद के अनुसार प्रत्येक मुसलमान भारतीय राष्ट्र का सदस्य है और अलग धर्म के कारण अपने आप को वृहद भारतीय समाज से अलग नहीं कर सकता है। एक स्वतंत्र राष्ट्रवाद एक धर्म पर आधारित नहीं है। क्योंकि वे कहते थे कि भारत में अनेक मातावलंबी है और राष्ट्रवाद को किसी संप्रदाय या धर्म से जोड़ने से देश में एकता उत्पन्न होने की बजाय विभाजन उत्पन्न हो जाएगा। भारत में राष्ट्रवाद की अनुभूति हिंदू मुस्लिम एकता के बिना असंभव था।
आजाद ने हिंदू मुस्लिम एकता को देश की स्वतंत्रता से भी अधिक प्रिय समझा। मौलाना अब्दुल कलाम आजाद ने खिलाफत आंदोलन का भी समर्थन किया था। उनके लिए यह केवल धार्मिक प्रश्न ही नहीं था, अपितु स्वतंत्रता के लिए एक आंदोलन था। क्योंकि इसके कारण मुसलमानों में विदेशी शासकों के विरुद्ध लड़ने की भावना उत्पन्न होगी। वे अपने देशवासियों को भी एकजुट कर सकेंगे।आजाद ने अंग्रेजों की तरफ किसी प्रकार की शत्रुता का समर्थन नहीं किया। अपितु उन्होंने अहिंसात्मक असहयोग की एक योजना तैयार की।
जैसे-
1. एकता
2. न्याय पूर्ण कार्य
3. संतोष
4.  संकट तथा
5.  स्वतंत्रता के उद्देश्य के लिए आत्म त्याग की भावना।
इस प्रकार मौलाना अब्दुल कलाम आजाद हम सब के लिए एक महत्वपूर्ण नेता थे।