जयपुर। हिंदी और मराठी फिल्मों के अभिनेता डॉ श्रीराम लागू नहीं रहे। महाराष्ट्र के पुणे में 92 साल की आयु में मंगलवार को श्रीराम लागू का निधन हो गया। पिछले कुछ समय से वह वृद्धावस्था से संबंधित बीमारियों से जूझ रहे थे। उनका इलाज दीनानाथ मंगेशकर अस्पेताल में उनका इलाज चल रहा था। श्रीराम लागू के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित महाराष्ट्र के मुख्यरमंत्री एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और नितिन गडकरी ने ट्वीट कर श्रीराम लागू के निधन पर शोक व्युक्तर किया है। श्रीराम लागू 100 से ज्यादा हिंदी और मराठी फिल्मों में काम कर चुके हैं। मराठी रंगभूमि में यह जाना पहचाना नाम है।
डॉक्टर से बने थे फिल्म कलाकार
श्रीराम लागू का जन्म महाराष्ट्र के सतारा जिले में 1927 में हुआ था। उन्होंने पुणे के बीजे मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की डिग्री भी प्राप्त की थी। लागू एक ईएनटी चिकित्सक भी थे। स्कूल और कॉलेज लाइफ में श्रीराम लागू को थियेटर का बड़ा शौक था। पढ़ाई के साथ-साथ वे रंगमंच पर अभिनय भी करते थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे में अपनी प्रैक्टिस जारी रखी। इसके बाद वे तंजानिया चले गए और बतौर चिकित्सक काम किया। हालांकि श्रीराम लागू का मन थियेटर में ज्यादा लगता था इसलिए वे भारत लौट गए । 1969 से वे पूरी तरह अभिनय में कूद पड़े और मराठी स्टेज ड्रामा में एक्टर बन गए। अपने अभिनय करियर के शुरुआत में उन्होंने वसंत कनेटकर के ओशालाल मृत्यु नाटक में अभिनय किया था।
थियेटर आर्टिस्ट से फिल्मी करियर तक का सफर
1970 के दशक में श्रीराम लागू ने मराठी रंगमंच जगत में अपने अभिनय से अच्छी पहचान बना ली थी । इसका फायदा भी उन्हें मिला और मराठी फिल्मों में काम मिल गया। श्रीराम लागू ने सिंहासन, पिंजरा, सामना जैसी मराठी फिल्मों में काम किया था। डॉ श्रीराम लागू को मराठी रंगमंच को आगे बढ़ाने के लिए याद किया जाता है। फिल्मों में काम करने के साथ-साथ लागू सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेते थे ।
हिंदी सिनेमा में भी श्रीराम लागू ने कई शानदार भूमिका निभाई
श्रीराम लागू ने मराठी फिल्मों के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में भी अभिनय किया। उन्होंने कई 1970-80 के दशक में कई हिट फिल्मों में अभिनय किया । 1976 में आई हेराफेरी और चलते चलते के अलावा बारूद, इनकार, नया दौर, शालीमार, तराना, खुद्दार, सिंहासन मुकद्दर का सिकंदर सौतन आदि फिल्मों में यादगार अभिनय किया। मुकद्दर का सिकंदर और सौतन फिल्म में उनके निभाए गए किरदार को दर्शक आज भी याद करते हैं। अपने अभिनय की बदौलत श्रीराम लागू को कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं । 1978 में उन्हें घरौंदा फिल्म के लिए फिल्मफेयर बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के अवार्ड से नवाजा गया था । 1997 में मध्य प्रदेश सरकार ने श्रीराम लागू को कालीदास सम्मान मिला था। इसके अलावा उन्हें अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था।
शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार