हैदराबाद । सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने शुक्रवार को कहा कि सेना ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हुए पूर्व सैनिकों की तरफ मदद का हाथ बढ़ायेगी।
जनरल रावत ने सिकंदराबाद के तिरुमलागिरि में मिलिट्री कॉलेज ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड मैकेनिकल इंजीनियरिंग के 99वें दीक्षांत समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि सेना की विशेष ड्यूटी के दौरान दिव्यांग हुए पूर्व सैनिकों को विशेष सहायता की जरूरत है। उनमें से कुछ दूरदराज के गांवों में रहते हैं और उनकी स्थिति बिगड़ रही है।
उन्होंने कहा,“ हम पूर्व दिव्यांग सैनिकों की स्थिति की जानकारी के लिए आंकड़े एकत्र कर रहे हैं। एक बार आंकड़े इकट्ठे हो जायें, इसके बाद हम यह तय करेंगे कि उन्हें किस तरह की ममद दी जाये। जिन सैनिकों ने अपने हाथ या पैर खो दिये हैं, उन्हें दूसरों की मदद की जरूरत पड़ती है। ऐसे लोगों को कृत्रिम अंग लगाये जाने चाहिए ताकि उन्हें सामान्य जीवन जीने में सहायता मिल सके।
सेना प्रमुख ने कहा, “ हम देश भर में एेसे सैन्यकर्मियों की गणना कर रहे हैं और उनकी स्थिति का पता लगा रहे हैं। हम यह जानकारी भी हासिल करने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्हें किस किस्म की मदद की जरूरत है।”
इससे पहले दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्थान से मित्र देशों के 67 अधिकारियों ने स्नातक की डिग्री हासिल की है जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। उन्होंने सभी पदक विजेताओं को बधाई देते हुए कहा, “सफलता कभी भी स्थायी नहीं होती। अगर आप सफलता हासिल करना जारी रखना चाहते हैं तो आपको हर वक्त कड़ी मेहनत करनी होगी। जो लोग जीतने की प्रेरणा खो देते हैं, वे दौड़ से बाहर हो जाते हैं। विफलता से कभी भी निराश नहीं हो क्योंकि विफलता आगे बढ़ने की प्रेरणा का स्रोत बनती है।”