अगरतला। त्रिपुरा के नए मुख्यमंत्री बिप्लव देब की विनम्रता एवं सदाशयता ने राज्य की जनता का शुक्रवार को दिल जीत लिया।
देब ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरलीमनोहर जोशी तथा भाजपा शासित सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में त्रिपुरा के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
इस मौके पर राज्य में दो दशक तक मुख्यमंत्री रहे मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता माणिक सरकार भी मंच पर विराजमान थे। समारोह में आए मुख्यमंत्रियोंं में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और नागालैंड के मुख्यमंत्री नेउफिउ रियो शामिल थे।
देब, उपमुख्यमंत्री जिष्णु देबबर्मन और सात अन्य मंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी ने सरकार से उनकी सीट पर जा कर गर्मजोशी से मुलाकात की। सरकार को पूरा सम्मान देते हुए उन्हें आडवाणी एवं डॉ. जोशी के बीच की सीट पर बैठाया गया था।
अगरतला के असम राइफल्स के परेड ग्राउंड में आयोजित शपथग्रहण कार्यक्रम पूरा होने पर राज्यपाल तथागत रॉय ने मंच के प्रस्थान किया। इसके बाद मोदी ने सरकार को ससम्मान मंच से विदा करने आए तो नए मुख्यमंत्री ने आगे बढ़कर मंच पर सार्वजनिक रूप से अपने पूर्ववर्ती के पूर्ण श्रद्धावनत होकर पैर छुए तो सभास्थल पर जनता की तालियों की गड़गड़ाहट और लोगाें की हर्षध्वनि गूंज गई।
मंच पर मध्यप्रदेश के सतना से सांसद गणेश सिंह की मौजूदगी भी देब की विनम्रता का परिचय दे रही थी जिनके सहायक के रूप में देब ने करीब आठ साल काम किया था और उसी के बाद उन्होंने करीब तीन साल पहले त्रिपुरा में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बनने की चुनौती स्वीकार की थी। शपथग्रहण समारोह में दिल्ली और अन्य स्थानों से आए पार्टीजन एवं पत्रकार अपने मित्र ‘बिप्लव’ के मुख्यमंत्री बनने से बेहद खुश थे।
मुख्यमंत्री के रूप में देब ने अपने पहले संक्षिप्त संबोधन में दोनों हाथ जोड़कर जनता जर्नादन, भाजपा के शीर्षस्थ नेता मोदी, शाह, आडवाणी, डॉ. जोशी, राजनाथ सिंह, सभी मुख्यमंत्रियों और समारोह में आमंत्रित धर्माचार्याें से आशीर्वाद मांगा और कहा कि वह त्रिपुरा की जनता को प्रणाम करते हैं और सभी लोगों के प्रति समान भाव रखते हुए राज्य की उन्नति के लिए सार्थक काम कर सकें, इसके लिए लोग उन्हें अपने भाई या पुत्र समझ कर आशीर्वाद एवं सहयोग दें।
देब ने त्रिपुरा के ऐतिहासिक चुनावी समर को जीतने में उनके साथ काम करने वाले भाजपा के महासचिव राम माधव, त्रिपुरा के प्रभारी सुनील देवधर एवं अन्य लोगों का नाम लेकर आभार व्यक्त किया।
इससे पहले देब मणिक सरकार को शपथग्रहण समारोह में शामिल होने का निमंत्रण देने के लिए राम माधव के साथ स्वयं माकपा कार्यालय गए थे जहां सरकार ने अपना नया निवास बनाया है। वहां भी देब ने सरकार के पैर छूकर आशीर्वाद मांगा था।
शपथग्रहण समारोह में राज्य के विभिन्न स्थानों से आए लोगों ने संवाददाताओं के पूछने पर कहा कि वे अपने जीवन में ठहराव से आजिज़ आ चुके थे और इसीलिए माकपा को हटाकर भाजपा को चुना है। लेकिन उनके मन में मणिक सरकार की निष्ठा एवं ईमानदारी को लेकर कोई नकारात्मक भाव नहीं था।
स्थानीय जानकारों का कहना है कि वर्ष 1993 से माकपा का शासन होने और 1998 से मणिक सरकार के मुख्यमंत्री रहने के कारण विपक्षी दल का त्रिपुरा में चुनाव हारने के बावजूद अच्छा प्रभाव है। ऐसे में देब की विनम्रता भाजपा एवं उन्हें जनता में तेजी से प्रतिष्ठा अर्जित करने में सहायक सिद्ध होगी।