कोलकाता। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिमी बीरभूम जिले के बोगटुई गांव में हुए नरसंहार मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने के निर्देश शुक्रवार को दिये। इसी सप्ताह हुए इस नरंहार में आठ लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति आर भारद्वाज की खंडपीठ ने सीबीआई को इस भयानक घटना की जांच कर रही राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच अपने हाथ में लेने के निर्देश दिए।
इस पहले ममता बैनर्जी सरकार ने न्यायालय से मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी को न सौंपने का अनुरोध किया था लेकिन न्यायालय ने राज्य सरकार के इस अनुरोध को अस्वीकार करते हुए जांच सीबीआई को सौंपने के आदेश दिए।
न्यायालय ने एसआईटी को अभी तक की जांच से जुड़े सभी जरूरी दस्तावेज सीबीआई को सौंपने और सीबीआई को सात अप्रैल तक प्रगति रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं।
बीरभूम मामले को लेकर राज्यसभा में भारी हंगामा
भारतीय जनता पार्टी की रूपा गांगुली ने आज राज्यसभा में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में आठ लोगों को जलाकर मारने की घटना का उल्लेख किया जिसका तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने कड़ा विरोध करते हुए भारी शोरगुल और हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही पूर्वाह्न लगभग 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।
गांगुली ने शुन्य काल के दौरान जैसे ही बीरभूम में पिछले दिनों आठ लोगों को जलाकर मारने की घटना का उल्लेख किया वैसे ही तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने अपनी सीट से उसका जोरदार विरोध करना शुरू कर दिया। इसके बाद भाजपा के सदस्यों ने भी अपनी सीट से तृणमूल कांग्रेस का विरोध करने लगे जिसके कारण भारी शोरगुल और हंगामा होने लगा। इस दौरान गांगुली भावुक हो गई और रोने लगी।
इस दौरान दोनों पक्षों की ओर से एक दूसरे के विरूद्ध नारेबाजी भी की गई। इसी दौरान गांगुली ने कहा कि पहले लोगों को मारा-पीटा गया और फिर उन्हें बांधकर जला दिया गया। उन्होंने कहा कि बंगाल दक्षिणेश्वर महाकाली की भूमि है और वहां भी लोगों को जीने का अधिकार है।
बाद में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सदन के बीच में आ गए और नारेबाजी करने लगे। इसी दौरान उपसभापति हरिवंश ने विशेष उल्लेख के लिए सदस्यों का नाम पुकारा लेकिन शोरगुल के कारण कुछ सुना नहीं जा सका। हंगामा बढ़ने पर उपसभापति ने 11:55 मिनट पर सदन की कार्यवाही 12:10 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।