नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने सरदार वल्लभभाई पटेल की गुजरात में अरब सागर के तट पर स्थापित प्रतिमा का नाम ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ अंग्रेजी में रखने पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यह केंद्र सरकार की मंशा को दर्शाता है।
मायावती ने बुधवार को यहां सरदार पटेल की जयंती पर उनको श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तथा उनके सहयोगियों को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर सहित दलितों और अन्य पिछड़े वर्गों में जन्में महान सन्तों, गुरुओं तथा महापुरुषों के आदर -सम्मान में बसपा सरकार द्वारा निर्मित भव्य स्थलों, स्मारकों और पार्कों आदि को फिजूलखर्ची बताकर इसकी आलोचना करने के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
मायावती ने कहा कि सरदार पटेल अपनी बोल-चाल, रहन-सहन और खान-पान में पूर्ण रुप से भारतीयता और भारतीय संस्कृति की एक मिसाल थे, लेकिन उनकी भव्य प्रतिमा का नामकरण हिन्दी एवं भारतीय संस्कृति के नज़दीक होने के बजाय ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ जैसा अंग्रेजी नाम रखना कितनी राजनीति है और भाजपा की उनमें कितनी श्रद्धा है, यह देश की जनता अच्छी तरह से समझ रही है।
बसपा नेता ने कहा कि सरदार पटेल विशुद्ध रुप से भारतीय संस्कृति और सभ्यता के पोषक थे लेकिन उनकी प्रतिमा पर विदेशी निर्माण की छाप उनके समर्थकों को हमेशा दुख देगी। उन्होेंने कहा कि सरदार पटेल और बाबा साहेब राष्ट्रीय व्यक्ति थे लेकिन भाजपा और केन्द्र सरकार ने उन्हें क्षेत्रवाद की संकीर्णता में बांध दिया है।