सिरोही। प्रदेश में दलित वर्ग पर बढ़ रहे अत्याचार को रोकने में विफल गहलोत सरकार के खिलाफ भाजपा युवा मोर्चा ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर गुस्से का इजहार किया।
धरना प्रदर्शन में आए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भाजपा जिलाध्यक्ष नारायण पुरोहित ने राजस्थान की कानून व्यवस्था और राज्य सरकार की नाकामी पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य में दलित उत्पीड़न, अत्याचार, महिला दुष्कर्म व बच्चियों के साथ बलात्कार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं राज्य में अपराधियों व माफियाओं के हौसले बुलंद है जिसके कारण बेटियां असुरक्षित महसूस कर रही है। वहीं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग भी बढ़ते जुल्म के बीच शासन में सुनवाई नहीं होने से यह वर्ग भयभीत हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत आम जन का विश्वास खो चुके हैं।
राजस्थान में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति पर बढ़ रहे अत्याचार पर सरकार मौन साधे हुए है। पिछले दिनों झालावाड़ जिले में समुदाय विशेष के लोगों द्वारा कृष्णा बाल्मीकि की लाठी, भाला, सरियों से सरेआम हमला करके जघन्य हत्या की गई। इस प्रकार प्रदेश में लूट, भ्रष्टाचार में बेतहाशा बढ़ोतरी हो रही है।
भाजयुमो के प्रदेश व्यापी धरना-प्रदर्शन के मौके पर बड़ी तादाद में जुटे भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार को ललकारते हुए एकदिवसीय आंदोलन के माध्यम से चेतावनी दी कि अगर प्रदेश के आने वाले दिनों में भी हालात नहीं सुधरे तो कार्यकर्ता आमजन के साथ सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा।
जिलाध्यक्ष पुरोहित ने आरोप लगाकर कहा कि मुख्यमंत्री अपराधों पर अंकुश लगाने में पूरी तरह विफल साबित हुए है। उन्होंने कहा कि राज्य में गैंगरेप और बलात्कार पीड़ित महिलाओं के आंसू कांग्रेस सरकार से न्याय मांग रहे हैं। उन्होंने पुरजोर शब्दों में मांग की कि या तो वे कानून व्यवस्था की सुध लें या इस्तीफा दें।
इसी प्रकार पूर्व राज्य मंत्री ओटाराम देवासी ने राज्य सरकार पर नाकामी का आरोप मढते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त है और सरकार मस्त है। देवासी ने स्थानीय निर्दलीय विधायक के बार बार कांग्रेस सरकार के गुणगान करने और मुख्यमंत्री गहलोत की शान में कसीदे गढ़ने के आरोप लगाकर कहा कि इन हरकतों को भी जनता भली-भांति समझ रही है।
प्रदर्शन के मौके पर रेवदर विधायक जगसीराम कोली ने गहलोत सरकार को घेरते हुए राज्य कांग्रेस सरकार को दो धड़ों में बंटी नजर आने का आरोप लगा कर निशाना साधा और कहा कि इन की आपसी खींचतान के कारण सारी प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है। विधायक ने प्रशासन पर भी शासन के दबाव में काम करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने का ध्यान है। पूर्व जिलाध्यक्ष लुंबाराम चौधरी ने कहा कि कांग्रेस शासन में दलित वर्ग पर बढ़ते अत्याचार की निर्मम घटनाएं लगातार सामने आ रही है यह शर्मनाक है और सरकार की नाकामी है।
धरना प्रदर्शन के संयोजक भाजयुमो जिलाध्यक्ष गोपाल माली ने भारी संख्या में उपस्थित युवा शक्ति को एकजुट होने का आह्वान करते हुए ‘यह तो अभी अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है…’ का नारा बुलंद किया तथा राज्य सरकार को तानाशाही बताकर कटघरे में खड़ा किया। माली ने गहलोत सरकार को चुनौती देते हुए कहा की सत्ता के दंभ में अहंकारी सरकार ने अगर इसी प्रकार अपनी जायज मांगों और न्याय की गुहार लगाने वालों का मुंह बंद करने की कोशिश की तो आंदोलन के माध्यम से ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा।
जिलाध्यक्ष ने पिछले दिनों जयपुर कलेक्ट्रेट पर मोर्चा के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर की लाठी चार्ज की कड़े शब्दों में निंदा की। इसी तरह जिला उपाध्यक्ष नारायण देवासी ने कहा कि सरकार की आपसी खींचतान के कारण प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई है। उन्होंने भी विधायक लोढा पर प्रशासनिक हस्तक्षेप करने और जिले में कानून व्यवस्था कमजोर होने की बात कही।
भाजयुमो पूर्व जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित ने राज्य सरकार की शह पर प्रदेश में शासन- प्रशासन के माध्यम से भारी पैमाने पर भ्रष्टाचार होने और तस्करी व अवैध गतिविधियों में इनकी मिलीभगत के गंभीर आरोप लगाए। जिला महामंत्री जयसिंह राव ने भी गहलोत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया।
नगर अध्यक्ष लोकेश खण्डेलवाल ने शासन के जरिए पुलिस प्रशासन का उपयोग सियासी षड्यंत्र में करने का आरोप लगाकर कहा कि यह इनका नैतिक पतन है, सरकार पर तानाशाही से जनता की आवाज दबाने की बात कही।
इसी तरह पूर्व मंडल अध्यक्ष सुरेश सगरवंशी, महिपाल चारण, महिला मोर्चा प्रदेश मंत्री रक्षा भंडारी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष गणपतसिंह राठौड़, मन की बात के संयोजक मांगूसिंह बावली, युवा सरपंच जितेंद्र चौधरी, भाजयुमो के भुवनेश राजपुरोहित आदि ने भी संबोधन में गहलोत सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया। धरने के बाद सभी कार्यकर्ता स्वरूप विलास परिसर में पहुंचे जहां भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को महामहिम के नाम ज्ञापन सौंपा।
इनकी रही उपस्थिति
धरना प्रदर्शन में जिला उपाध्यक्ष दिलीपसिंह मांडाणी, दुर्गेश शर्मा, महामंत्री दुर्गाराम गरासिया, जिलामंत्री छगनलाल घांची, मंडल अध्यक्ष नारायणसिंह, महावीर यति, हिदाराम माली, गणपतलाल पुरोहित, लीलाराम प्रजापत, टेकचंद भंबानी, ओबीसी मोर्चा जिलाध्यक्ष पवन पटेल, एसटी मोर्चा जिलाध्यक्ष मगनलाल मीणा, पूर्व चेयरमैन सुरेश थिंगर, भाजयुमो मंडल अध्यक्ष गणपतसिंह रेवदर, प्रेमसिंह लोधा आबूरोड, नरपत चारण, लक्ष्मण कोली, अशोक मेवाड़ा, रवि शर्मा, आकाश माली, मुकेश राजपुरोहित, दमयंती डाबी, हेमलता पुरोहित, विजय गोठवाल, मीडिया प्रभारी चिराग रावल, नैनसिंह राजपुरोहित, पार्षद मणिदेवी माली, गोविंद माली, गीता पुरोहित, दर्शना देसाई, अंशु वशिष्ठ, रेनू वर्मा, अशोक पुरोहित, प्रकाश पटेल, राहुल रावल, शैलेश चौधरी, अनिल प्रजापत, विक्रमसिंह, हार्दिक देवासी, फूलाराम, कुलदीपसिंह, प्रेमसिंह चारण, भानुप्रतापसिंह, दिलीपसिंह, वीरेंद्र चौहान, जितेंद्र गर्ग, भरत मालवीय, अजय भट्ट,रणछोड़ पुरोहित, ललित प्रजापत, कपूराराम पटेल, सिद्धार्थ देवासी, भरत माली, बाबूसिंह मकरोड़ा, नितिन रावल,भवर माली, आनंद वाघेला, विशाल वाघेला, मनीष वाघेला, कुणाल, मनीष माली, नरेंद्र माली, मुकेश प्रजापत, बंटी प्रजापत, हिम्मतसिंह, इंदरसिंह, सुनील गुप्ता, पुष्कर पटेल, विकास प्रजापत, करण प्रजापत, भावेश कुमार आदि बड़ी तादाद में कार्यकर्ता मौजूद थे।
महामहिम से ज्ञापन में यह की मांग
भाजयुमो की तरह से दिए गए ज्ञापन में प्रदेश में अनुसूचित जाति जनजाति पर बढ़ रहे अत्याचार पर तत्काल संज्ञान में लेकर राज्य में कानून व्यवस्था को सुनिश्चित करने तथा जनता में विश्वास का राज स्थापित करने के लिए कहा गया, लिखा कि कृष्णा बाल्मीकि के मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही हो और परिवारजन को एक करोड़ का मुआवजा राशि और परिवार के सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।