ब्यावर/अजमेर। कोरोना महामारी के समय कांग्रेस पार्टी व राज्य सरकार के द्वारा राजभवन व सडकों पर घरना प्रदर्शन मानवता को शर्मसार करने वाला कदम है। दुखद यह है कि प्रशासन के हाथ सत्ताधारी पार्टी ने बांधे हुए हैं तथा वह मूकदर्शक बनकर कानून की धज्जियां उडते देख रहा है।
भारतीय जनता पार्टी अजमेर देहात अध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा ने रविवार को प्रशासन को आडे हाथों लेते हुए कहा कि राजभवन में व कांग्रेस पार्टी द्वारा सड़कों पर धरना-प्रदर्शन कोरोना महामारी के समय मानवता के खिलाफ गम्भीर संकट है। सत्ताधारी पार्टी के मुखिया व उनके लोग कोरोना से बचने के लिए स्वयं सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी की धज्जियां उड़ाते हुए उल्लंघन कर आमजन के जीवन को संकट में डाल रहे हैं और राज्य का प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। ऐसे में आमजन कोरोना से बचने के लिए कहां गुहार लगाए।
भूतड़ा ने कहा कि कांग्रेस के आह्वान पर 25 जुलाई को जिस प्रकार जिला मुख्यालयों पर कोविड-19 के सम्बंध में डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी द्वारा जारी दिशा निर्देशों की धज्जियां उड़ाकर प्रदर्शन करना तथा धारा 144 को तोड़ना कानून की अवेहलना करने का घोर कृत्य है। इस सबके बावजूद प्रशासन मौन रहना सवाल खडे कर रहा है।
राजस्थान की जनता राज्य सरकार, कानून व लोकतंत्र की दुहाई देने वालों की करतूतें देख रही है। भूतड़ा ने कहा कि कांग्रेस का आंतरिक झगड़ा सड़कों पर है। आलाकमान इस झगड़े को सुलझाने में खुद ही उलझ गया है और दोष भाजपा पर मढा जा रहा है। राजस्थान के इतिहास में पहली बार मुख्यमंत्री की हिटलरशाही के खिलाफ उनकी सरकार का उपमुख्यमंत्री व पार्टी का अध्यक्ष आवाज बुलंद कर रहा है।
जब कोरोना महामारी ने विकराल रूप नहीं लिया था तब मुख्यमंत्री ने विधानसभा सत्र कोरोना का हवालादेकर आहूत नहीं कराया और अब जब माहमारी बढ़ चुकी है, 35 हजार से ज्यादा लोग चपेट में आ चुके हैं 600 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके है तब विधानसभा सत्र बुलाए जाने की जिद की जा रही है। कोरोना से आमजन के बचाव के लिए जिम्मेदारी निभाने की बजाय मुख्यमंत्री सत्र बुलाने के लिए कानून कायदे ताक में रखकर प्रधानमंत्री व राष्ट्रपति के यहां धरने की बात कर रहे हैं।
भूतड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री ने की जनता को भगवान भरोसे छोड़कर डगमगाती कुर्सी को संभालने के लिए राजभवन तक घेराव कर डाला और यह कहने में भी नही चूके की राजस्थान की 8 करोड़ जनता राजभवन का घेराव करने आ गई तो हमारी जिम्मेदारी नहीं है। मुख्यमंत्री के गैरजिम्मेदारान व्यवहार से आहत राज्यपाल का यह कहना कि मेरी सुरक्षा के लिए कौन सी एजेन्सी के पास जाना चाहिए? यह राजस्थान के लिए घोर निराशाजनक था, गहलोत सरकार द्वारा किए गए इस निंदनीय कृत्य से पूरे देश मे राजस्थान शर्मसार हुआ है।
भूतड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री बाड़े में रहकर बहुमत होने की बात कर रहे हैं, यदि सरकार के पास नम्बर गेम है तो फिर बाड़ा खोलकर सरकार चलाएं। खुद उन्हें पता चल जाएगा कौन सा पंछी उड़कर किस डाल पर बैठ गया है। सरकार भाजपा पर दोषारोपण करने कि बजाय घर को चुस्त-दुरुस्त करे तथा आमजन के हित के काम करे और भाजपा पर झूठा दोषारोपण करना बंद करे।