नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग (ईडब्ल्यूएस) को आरक्षण दिए जाने के केंद्र के फैसले की सराहना करते हुए आज कहा कि इस निर्णय से कांग्रेस की हालत खिसियानी बिल्ली जैसी हो गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने यहां पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सामाजिक समरसता के सिद्धान्त को आधार मानकर ओबीसी, अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के कल्याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ के मंत्र के साथ ‘ईज ऑफ लिविंग’ का विचार प्रतिपादित किया है ताकि ताकि भेदभाव से मुक्त समाज में पिछड़े लोगों को बुनियादी सुविधाएं शीघ्र और सस्ती दर पर उपलब्ध करायी जा सके।
यादव ने कहा कि अब पिछड़ों, दलितों, शोषितों और वंचितों को भी लगने लगा है कि केंद्र में उनकी सरकार है और वास्तव में उनके लिए काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने सामाजिक सद्भाव के माध्यम से वंचित तबकों में नई आकांक्षाएं पैदा की हैं और सरकार की हर योजना, हर कार्यक्रम का केंद्र बिंदु गरीब, कमजोर, पिछड़ा तबका है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी सुधार के साथ ही सामाजिक न्याय को भी प्राथमिकता दी है। गुरुवार को सरकार ने मेडिकल शिक्षा में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण का ऐतिहासिक फैसला किया। इसे वर्तमान शैक्षणिक वर्ष 2021-22 से ही लागू किए जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत एमबीबीएस, एमएस, बीडीएस, एमडीएस और डिप्लोमा में 5,550 छात्रों को फायदा मिलेगा।
उन्होंने कहा कि इस एक निर्णय से हर साल एमबीबीएस में लगभग 1,500 ओबीसी और 550 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश मिल सकेगा। वहीं, मेडिकल के स्नातकोत्तर कोर्स में 2,500 ओबीसी छात्रों और करीब 1,000 ईडब्ल्यूएस छात्रों को प्रवेश का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि भाजपा ओबीसी समाज और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के युवाओं को मेडिकल कॉलेज की परास्नातक और स्नातक स्तर की पढ़ाई में आरक्षण का निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी का हार्दिक अभिनंदन करती है।
यादव ने कहा कि ओबीसी समुदाय के कल्याण के लिए केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं। पिछड़ा वर्ग के आयोग को संवैधानिक दर्जा देने करने की मांग एक लंबे समय से चली आ रही थी। कांग्रेस की यूपीए सरकार के पिछले 10 वर्ष में पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया गया। ये माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हैं जिन्होंने ओबीसी कमीशन को संवैधानिक मान्यता देकर पिछड़े वर्ग के लोगों को सम्मान के साथ जीने का अधिकार दिया।
विपक्ष पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस को बताना चाहिए कि लंबे समय तक सत्ता में रहकर उसने ओबीसी के हितों के विषयों को क्यों रोके रखा। आर्थिक रूप से कमजोर तबके के 10 प्रतिशत आरक्षण के लिए कांग्रेस ने क्यों नही कुछ किया? जब मोदी सरकार यह कर रही है तो कांग्रेस की स्थिति ‘खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे’ वाली होनी स्वभाविक है।
यादव ने कहा कि मोदी सरकार में पिछले पांच वर्षों में 179 नए मेडिकल कॉलेज खुले हैं। देश में अब 558 मेडिकल कॉलेज हैं। देश में यूजी की सीटों में 56 प्रतिशत के करीब और स्नातकोत्तर की सीटों में 80 फीसदी के करीब बढ़ोतरी की गई। इसका बहुत बड़ा फायदा ओबीसी, एससी, एसटी समुदाय को मिल रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार में दलित, पिछड़े, ओबीसी एवं महिलाओं को व्यापक प्रतिनिधित्व मिला है। वर्तमान में मोदी सरकार में 27 मंत्री ओबीसी समुदाय से हैं जबकि 20 एससी/एसटी समुदाय से हैं और 11 महिलाएं हैं। ओबीसी आरक्षण में ‘क्रीमी लेयर’ की आय सीमा भी बढ़ाई गई।
चाहे प्रधानमंत्री आवास योजना हो, आयुष्मान भारत योजना हो, जन-धन योजना हो, उज्ज्वला योजना हो या अन्य योजनायें, हमारी सरकार की हर योजना में पिछड़े वर्ग, एससी, एसटी और महिलाओं को लाभ मिला है। एससी और ओबीसी वर्ग के छात्रों की फ्री-कोचिंग और प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए वार्षिक आय की पात्रता को बढ़ा दिया गया है। ओबीसी वर्ग के लिए प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति में भारी वृद्धि की गई।
यादव ने कहा कि पहली बार घुमंतू और अर्ध-घुमंतू जातियों के लिए मोदी सरकार में एक राष्ट्रीय आयोग का गठन किया। बाबा साहब के सिद्धांतों को जमीन पर यदि किसी सरकार ने उतारा है तो वह प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भाजपा सरकार है।