पटना। बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड ने आज स्पष्ट किया कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण पर यदि अध्यादेश लाया गया तो पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।
जदयू के राष्ट्रीय महासचिव एवं राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह ने यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राम मंदिर निर्माण के सिर्फ दो ही विकल्प हैं। इस मामले में या तो न्यायालय का कोई आदेश आये या फिर इसके लिए आपसी सहमति बने। उन्होंने कहा कि पार्टी का यह स्पष्ट विचार है।
सिंह ने कहा कि इसके अलावा इस पर तीसरे विकल्प का सवाल ही नहीं है। जदयू राम मंदिर निर्माण को लेकर किसी तरह के अध्यादेश लाने के खिलाफ है। यदि भारतीय जनता पाटी इस तरह का अध्यादेश लाती है तो फिर उनकी पार्टी इसका समर्थन नहीं करेगी।
राष्ट्रीय महासचिव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार से राजग पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। वहीं, मिजोरम और तेलंगाना में हुए विधानसभा चुनाव में क्षेत्रिय पार्टियों के समक्ष कांग्रेस कहीं भी दिखाई नहीं पड़ी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि सत्ता में आने के दस दिनों के अंदर किसानों का ऋण माफ कर देंगे। उन्होंने कहा कि यह कभी भी संभव नहीं है।
सिंह ने कहा कि अब तीन राज्यों में कांग्रेस सत्ता में आ गई है और ऐसे में यदि तय समय सीमा में किसानों के ऋण माफ नहीं हुए तो कांग्रेस अध्यक्ष गांधी को ग्यारहवें दिन प्रदेश के लोगों को जवाब देना होगा।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पहले से ही उठा रही है और आगे भी उठाएगी।
इससे पूर्व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुबोध कुमार शर्मा और मुजफ्फरपुर जदयू के पूर्व अध्यक्ष विजय प्रसाद सिंह अपने-अपने समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल होने की घोषणा की। इसके बाद शामिल हुए नेताओं को पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई गई।