लखनऊ । भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) उत्तर प्रदेश के राज्य सचिव मंडल ने आरोप लगाया कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) और दूसरे अल्पसंख्यक संस्थानों में एससी, एसटी एवं अन्य पिछड़े वर्गों के आरक्षण के मामले में खुद भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) की नीयत साफ़ नहीं है।
लखनऊ में जारी एक बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि भाजपा और संघ को दलित हितों से कोई लेना देना नहीं है। यदि उन्हें दलितों की शिक्षा की जरा भी फ़िक्र होती तो वे दलितों के लिये सरकार के चार साल के कार्यकाल में कई विश्वविद्यालय बना कर खड़े कर सकते थे. लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया।
उन्होंने कहा कि पहले उन्होंने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और भारतीय प्रबन्ध संस्थान (आईआईएम) को निशाना बनाया। फिर जिन्ना की तस्वीर के बहाने एएमयू को निशाना बनाया गया और अब आरक्षण के नाम पर उस पर ताला जड़ने की कोशिश की जा रही है। डा0 गिरीश ने कहा कि एएमयू प्रशासन को नोटिस भी थमाया जा रहा है। उन्होंनेे आरोप लगाया कि यह समाज के कमजोर वर्गों को शिक्षा से वंचित करने की साजिश का हिस्सा है।
भाकपा राज्य सचिव ने कहा कि मदरसों में ड्रेस कोड का शिगूफा और एएमयू में आरक्षण का मुद्दा ऐसे ही ताजा हथकंडे हैं। भाकपा इन हथकंडों को कामयाब नहीं होने देगी और सरकार और भाजपा की विफलताओं का पर्दाफ़ाश करने के लिये अगामी अगस्त माह में व्यापक अभियान चलायेगी।