नयी दिल्ली । केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2019 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पश्चिम बंगाल में ‘लोकतंत्र बचाओ’ रथ यात्रा निकालने को लेकर कलकत्ता उच्च न्यायालय में अपील करेगी।
पश्चिम बंगाल में सत्तारुढ़ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सरकार ने राज्य में रथ यात्रा निकालने की अनुमति नहीं दी जिसके बाद भाजपा कलकत्ता उच्च न्यायालय का रुख करेगी। पश्चिम बंगाल के भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष सोमवार को सुश्री ममता बनर्जी की सरकार द्वारा अनुमति देने से इंकार करने के खिलाफ उच्च न्यायालय जाएंगे। पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को कहा कि यदि रथ यात्रा की अनुमति दी गयी तो इससे पूरे राज्य में साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका है।
घोष ने कहा, “राज्य की जनता बदलाव के लिए तैयार है। भाजपा ने पंचायत चुनावों में 7000 से ज्यादा सीटें जीती हैं इसलिए मुख्यमंत्री घबरायी हुईं है और इस तरह का अलोकतांत्रिक निर्णय ले रही हैं।” उन्होंने कहा, “भाजपा ने पश्चिम बंगाल में संगठन को विस्तार प्रदान करने के लिए तीन रथ यात्राओं को निकालने की योजना बनायी है। राज्य में रथ यात्राएं निश्चित रूप से निकलेंगी। सुश्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार भाजपा कार्यकर्ताओं को दबा नहीं सकेगी।”
भाजपा की प्रस्तावित रथ यात्रा को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार और भारतीय जनता पार्टी आमने सामने हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार रात को भाजपा की राज्य इकाई को पत्र लिखकर रथ यात्रा की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
सूत्रों के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने भाजपा इकाई को लिखे पत्र में कहा राज्य सरकार राज्य में रथ यात्रा की अनुमति नहीं देने के निर्णय पर कायम है क्योंकि इससे राज्य मेें साम्प्रदायिक तनाव पैदा होने की आशंका है।
सूत्र ने पत्र का हवाला देते हुए कहा, “यात्रा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल हिस्सा लेने का कार्यक्रम है और ये संगठन राज्य में साम्प्रदायिक हिंसा भड़का सकते हैं।” जिला प्रशासन से अनुमति मिलने पर भाजपा की सभा के लिए अनुमति दी जा सकती है।
गौरतलब है कि कलकत्ता उच्च न्यायालय ने सात दिसंबर को कूच बिहार से रथ यात्रा निकालने की अनुमति देने से इंकार करते हुए पश्चिम बंगाल सरकार को भाजपा के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया था।
कलकता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के निर्देश के बाद भाजपा ने इस संबंध में उच्चतम न्यायालय में अपील की थी। इस मामले में भाजपा को छह दिसंबर को उस समय झटका लगा जब कलकता उच्च न्यायालय के यात्रा की अनुमति देने से इंकार करते हुए इसे पार्टी को मामले की अगली सुनवायी नौ जनवरी तक के लिए यात्रा को स्थगित करने का आदेश दे दिया।