नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने स्पुतनिक वैक्सीन को लेकर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा है कि देश में स्पुतनिक वैक्सीन का उत्पादन छह कंपनियां करेंगी, इसके अलावा कुछ और कंपनियों को कोविड सुरक्षा स्कीम के तहत उदार वित्त पोषण देकर सरकार ने वैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने का प्रयास किया है।
गुरुवार को भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने आभासी माध्यम से एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार की बातचीत का ही नतीजा रहा है कि रूस की स्पुतनिक वैक्सीन भारत लाई गई। किस प्रकार डॉ. रेड्डी लैब के साथ उसका उत्पादन देश में बढ़ाया जाएगा, अब वो तकनीक भी भारत में लाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक के पास अपना लाइसेंस है। सरकार ने ये निर्धारित किया है कि भारत बायोटेक अपने लाइसेंस को तीन और कंपनियों के साथ साझा करे, ताकि वे भी को-वैक्सीन का उत्पादन शुरु कर सकें। भारत बायोटेक फिलहाल लगभग एक करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाती है, जो अक्टूबर तक 10 करोड़ वैक्सीन प्रतिमाह बनाने लगेगी।
दुनिया के किसी देश में नहीं बच्चों की वैक्सीन
भाजपा प्रवक्ता ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि केजरीवाल ने यह बात कहकर भ्रम फैलाने की कोशिश की है कि सरकार बच्चों को वैक्सीन नहीं दे रही। उन्होंने कहा कि टीकाकरण का वैज्ञानिक तरीका है, पूरे विश्व में कहीं भी बच्चों को टीका नहीं लगाया जा रहा। अभी इसका परीक्षण चल रहा है। भारत में भी यथाशीघ्र यह परीक्षण शुरु हो रहा है।
प्राइवेट अस्पतालों से भी पिछडे अरविंद केजरीवाल
पात्रा ने मुख्यमंत्री केजरीवाल से सवाल भी पूछा कि दिल्ली सरकार ने निजी अस्पतालों से भी कम वैक्सीन क्यों खरीदी? उन्होंने कहा कि आज तक केंद्र ने दिल्ली को 45 लाख 46 हजार 70 वैक्सीन की मुफ्त खुराक दी है। इसके अलावा दिल्ली सरकार ने कंपनियों से सीधे आठ लाख 17 हजार 690 डोज खरीदी है।
जबकि दिल्ली के निजी अस्पतालों ने अब तक नौ लाख चार हजार 720 वैक्सीन खरीदी है। यानी कि दिल्ली सरकार से ज्यादा निजी अस्पतालों ने वैक्सीन खरीदी। दिल्ली सरकार ने कुल 13 फीसदी ही वैक्सीन खरीदी है, यानी कि उन्होंने अपने दम पर केवल 13 फीसदी लोगों का टीकाकरण किया। केजरीवाल को इसका जवाब देना चाहिए।