कोलकाता/सिलीगुड़ी। भारतीय जनता पार्टी के आह्वान पर उत्तरी पश्चिम बंगाल में शुक्रवार को बंद का मिला-जुला असर रहा और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के साथ कई स्थानों पर छिटपुट झड़पों की रिपोर्टें हैं।
भाजपा ने आदिवासियों पर अत्याचार और कथित पुलिस गोलीबारी में एक पार्टी कार्यकर्ता की मौत के विरोध में राज्य के उत्तरी भाग में आठ जिलों में बंद का आह्वान किया है, हालांकि छात्रों की आवाजाही, स्वास्थ्य और आपातकालीन सेवाओं को बंद के दायरे से बाहर रखा गया है।
सुबह छह बजे से शुरू हुए बंद में भाजपा कार्यकर्ता महत्वपूर्ण चौराहों पर सड़कों पर उतरे और वाहनों को रोका। इस दौरान निजी बसें सड़कों से नदारद रहीं और कई इलाकों में दुकानें और बाजार बंद रहे। कूचबिहार जिले में हालांकि सरकारी बसें चलती रहीं, लेकिन निजी बसों का संचालन बंद रहा। जलपाईगुड़ी जिले में ज्यादातर दुकानें बंद रहीं। कदमतला में बंद समर्थकों ने सरकारी बसों को जबरन रोक दिया। क्षेत्र के अन्य जिलों से भी व्यवधान की सूचना मिली है।
उत्तर बंगाल क्षेत्र में कूच बिहार, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार, दार्जिलिंग, कलिम्पोंग, उत्तर दिनाजपुर, दक्षिण दिनाजपुर और मालदा जिले शामिल हैं। कई जिलों में बसों की खिड़कियों के शीशे तोड़ने, दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों और पोस्ट ऑफिस को जबरन बंद करने, सड़क जाम करने और रेलवे ट्रैक पर धरना देने की रिपोर्टें हैं। कुछ इलाकों में भाजपा कार्यकर्ताओं और बंद विरोधी समर्थकों के बीच झडपें हुई तथा पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
इस बीच प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर उत्तरी बंगाल के कई इलाकों में आतंक का राज कायम करने का आरोप लगाया। उन्होंने लोगों से सत्तारूढ़ दल के कुशासन का विरोध करने और बंद को सफल बनाने का आह्वान किया।
दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस ने बंद की तीखी आलोचना की करते हुए भाजपा पर राज्य के शांतिपूर्ण माहौल को भंग करने और कालीगंज की घटना को राजनीतिक दंग देने का आरोप लगाया। तृणमूल कांग्रेस प्रवक्ता कुणाल घोष ने बंद को पूरी तरह से ‘राजनीति से प्रेरित’ बताया।
गौरतलब है कि उत्तर दिनाजपुर जिले के कलियागंज के पास राधिकापुर में बुधवार की रात भाजपा कार्यकर्ता मृत्युंजय बर्मन की मौत हो गई थी। भाजपा का आरोप है कि मृत्युंजय की मौत पुलिस फायरिंग में हुई है।