नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव से पहले लोगों का सुझाव लेने के लिए रविवार को से रथयात्रा की शुरूआत कर दी, जो कम से कम दस करोड़ परिवारों तक जाएगी।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी की संकल्प पत्र समिति के अध्यक्ष एवं केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज यहां ‘भारत के मन की बात मोदी के साथ’ रथयात्रा समारोह का अनावरण किया।
भाजपा 300 रथों के माध्यम से पूरे देश में जनसंपर्क कर लोगों की राय जानने का प्रयास करेगी। यह रथयात्रा एक माह तक चलेगी, जिसके माध्यम से मुख्य रूप से 12 श्रेणी में लोगों के सुझाव माने जाएंगे। ये सुझाव लिखित, टेलीफोन, फेसबुक और संचार के कुछ अन्य माध्यमों से दिए जा सकते हैं।
शाह ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुए बताया कि उनकी पार्टी के लिए चुनाव सिर्फ सत्ता प्राप्त करने का साधन नहीं है। भाजपा लोकतंत्र के इस महोत्सव से पहले हर व्यक्ति के पास जाना चाहती है और जनमत बनाकर जनादेश प्राप्त करना चाहती है जिससे लोकतंत्र मजबूत हो सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2014 से पहले की सरकारों की तुष्टीकरण की नीतियों के कारण लोकतंत्र विफल हो गया था और समस्याओं का निवारण नहीं किया जा रहा था। लोकलुभावन नारे लगाये जा रहे थे और ऐसी ही योजनाएं तैयार की जा रही थीं तथा वित्तीय अनुशासन की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं।
मोदी सरकार के आने के बाद पारदर्शी और दूरदर्शी नीतियों को लागू किया गया और लंबी अवधि के लिए विकास की नींव डाली गई जिससे संसदीय प्रणाली में लोगों का भरोसा लौटा और दुनिया में भारत को सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा।
शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने 50 करोड़ लोगों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए निर्णायक एवं कठोर कदम उठाए हैं। किसानों की समस्याओं काे दूर करने और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए अनेक निर्णय लिए गए हैं। गरीबों के लिए उज्जवला योजना और स्वास्थ्य बीमा जैसी योजनाओं को लागू किया गया है जो देश की आजादी की लड़ाई के उद्देश्यों को पूरा करता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा और दूसरी पार्टियों में अंतर है। भाजपा में आंतरिक लोकतंत्र मजबूत है जिससे देश मजबूत होता है जबकि दूसरी पार्टियों में परिवारवाद और जातिवाद है, जो देश का समावेशी विकास नहीं कर सकता है। भाजपा विचारधारा की पार्टी है और यह नीति एवं आदर्शों पर चलती है। यह वोटबैंक की राजनीति के बजाय जनमत निर्माण में विश्वास करती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी पार्टी लोगों से यह जानना चाहती है कि वह कैसा ‘न्यू इंडिया’ चाहते हैं, उनकी अपेक्षाएं क्या है। उन्होंने कहा कि सरकार 100 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए बुनियादी ढांचे को मजबूत करने का प्रयास कर रही है।
राजनाथ सिंह ने ‘भारत के मन की बात मोदी के साथ’ रथयात्रा की विशेषताओं की जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव घोषणापत्र की तैयारी के लिए दुनिया में इतना बड़ा अभियान नहीं चला है। यह यात्रा लोगों से सीधे संवाद का माध्यम है। इसी यात्रा के दौरान 12 चुनिंदा विषयों पर लोगों से सुझाव मांगे जायेंगे, जिससे लोकतंत्र मजबूत होगा।
सिंह ने कहा कि ये सुझाव सुशासन, विकास, किसानों की समस्याओं, युवाओं, महिलाओं, श्रमिकों, अर्थव्यवस्था, आधारभूत संरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य, राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और सांस्क़ति विरासत आदि के संबंध में मांगे जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोगों का विश्वास बढ़ा है और वे उनकी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। सुशासन के कारण लोगों का जीवन सहज हो गया और अर्थव्यवस्था 7.3 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2030 तक भारत को विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य है और इसके लिए आधारभूत संरचनाओं का विस्तार किया जा रहा है। शिक्षा और स्वास्थ्य दोनों के क्षेत्र में सुधार हुआ है और आयुष्मान भारत के माध्यम से लोगों को स्वास्थ्य सुरक्षा दी गई है। अब इसकी गुणवत्ता में सुधार पर जोर दिया जा रहा है।
सिंह ने देश की सुरक्षा व्यवस्था की चर्चा करते हुए कहा कि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा चक्र को मजबूत किया गया है और राष्ट्र विरोधी शक्तियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की गई है, जिससे देश में शांति का माहौल बना है। आतंकवाद, नक्सलवार आैर पूर्वोत्तर क्षेत्र के उग्रवाद पर अंकुश लगा है। सरकार सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत बनाने का प्रयास कर रही है, जो ‘सुदर्शन चक्र’ के समान हो।
उन्होंने कहा कि विदेशी नीति के क्षेत्र में देश को कई सफलताएं मिली हैं और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने हाल में अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्य में हुई बढोतरी की चर्चा करते हुए कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री मोदी के विचारों को तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक ने गंभीरता से लिया और इसके बाद उसके मूल्य में कमी आई।
उन्होंने कहा कि देश की सांस्कृतिक विरासत हमारी सबसे बड़ी शक्ति है, जिससे विश्व में हमारी सबसे अलग पहचान बनती है। सरकारी भारतीय ज्ञान-विज्ञान का प्रचार-प्रसार करना चाहती है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योग और आयुर्वेद को बढावा देने का प्रयास कर रही है।
भाजपा ने आमलोगों से लिए जाने सुझावों के लिए अलग-अलग समितियां बनायी हैं, जिसके प्रमुख पार्टी के वरिष्ठ नेता होंगे। आम लोगों के सुझावों का संपादन किया जाएगा और फिर उसे चुनाव घोषणापत्र में शामिल किया जाएगा। राज्यों में भी इस तरह की रथयात्रायें निकाली जाएंगी।