नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के प्रथम एवं द्वितीय चरण के लिए प्रतिपक्ष तथा सत्तापक्ष के उम्मीदवारों के नाम घोषित होने के बाद भारतीय जनता पार्टी का आत्मविश्वास बढ़ गया है और पार्टी को इस बार फिर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पुराना प्रदर्शन दोहराने और पूरे राज्य में 300 का आंकड़ा पार करने का भरोसा हो गया है।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तमाम जाट बहुल सीटों पर प्रतिपक्ष समाजवादी पार्टी एवं राष्ट्रीय लोकदल, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस द्वारा बड़ी संख्या में मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिए जाने के बाद भाजपा नेतृत्व की बांछें खिल गई हैं। भाजपा ने यह भी साफ किया है कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा योगी आदित्यनाथ ही होंगे जबकि उत्तराखंड में भी पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व को लेकर भी कोई दिक्कत नहीं है।
पहले एवं दूसरे चरण की चुनावी बिसात बिछने के बाद भाजपा नेतृत्व को अपनी चुनावी राह आसान नजर आने लगी है। भाजपा पश्चिमी उत्तर प्रदेश से मिलने वाले रुझानों को लेकर मान रही है कि क्षेत्र में किसान आंदोलन की गर्मी भी कम हो गई है। पार्टी को लगता है कि दो चरण में मतदान के बाद आगे के पांच चरणों का रुझान तय हो जाएगा। इसलिए पहले दो चरणों के लिए पार्टी धुआंधार प्रचार से ध्रुवीकरण को तेज करने का इरादा रखती है। ऐसे भी संकेत हैं कि भाजपा पंजाब में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मुद्दे को भी चुनाव में भुनाएगी।
इसी रणनीति भाजपा के चुनावी प्रचार अभियान में अब कानून व्यवस्था का मुद्दा तेजी पकड़ने लगा है और 22 जनवरी के बाद गृह मंत्री अमित शाह के राज्य का सघन दौरा शुरू होगा तो इसी मुद्दे को बल दिया जाएगा। शाह का राज्य के हर जिले में जाने का कार्यक्रम है।
चुनावी तैयारियों को लेकर बातचीत में पार्टी के एक बड़े नेता ने दावा किया कि भाजपा पहले एवं दूसरे चरण में 113 सीटों में से 2017 में हासिल 83 सीटों के आंकड़े को बरकरार रखेगी और पूरे चुनाव में 300 का आंकड़ा पार करेगी। उनका कहना था कि भले ही किसी पार्टी या नेता को कोई संशय हो लेकिन उत्तर प्रदेश की जनता के मन में कोई संशय नहीं है और वह 2014 के बाद से निर्णायक जनादेश देती आ रही है। इस बार भी वह भाजपा को जबरदस्त बहुमत देने वाली है।
मुख्यमंत्री के चेहरे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आमतौर पर मौजूदा मुख्यमंत्री को ही मुख्यमंत्री पद का चेहरा माना जाता है। उत्तर प्रदेश के संदर्भ में स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी कह चुके हैं कि योगी आदित्यनाथ ही मुख्यमंत्री होंगे तो फिर संशय की कोई गुंजाइश कहां है। उत्तराखंड के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि धामी में क्या दिक्कत है। पंजाब में प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में चूक के मुद्दे के चुनाव में उठने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह देश भर में एक मुद्दा है।
भाजपा का मानना है कि पार्टी छोड़ कर जाने वालों से चुनावी परिणामों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा। पार्टी नेता ने कहा कि पार्टी छोड़ कर जाने वाले नेता दरअसल भाजपा के अंदर उनकी बिरादरी का समानान्तर नेतृत्व खड़ा होने से परेशान थे और उन्हें अपने अस्तित्व पर संकट लगने लगा था। उन्होंने कहा कि बागी नेता जो मुद्दे उठा रहे हैं, वे सरासर झूठे हैं। ना तो किसी पिछड़े का आरक्षण रोका गया और ना ही आरक्षण से जुड़ा मुद्दा लंबित है। चुनाव में जनता सच को समझ कर ही वोट देगी।
एक सवाल पर उन्होंने माना कि पार्टी छोड़ने वाले नेता अपने परिवार के लोगों को टिकट दिलवाना चाहते थे, लेकिन उन्हें अवगत करा दिया गया था कि भाजपा की रीति नीति ऐसी नहीं है। परिवार में टिकट देने की मांग को लेकर उन्होंने कहा कि जो पहले से विधायक हैं, पहले उनके नाम पर विचार होगा और यदि वह नहीं लड़ना चाहते तो उनके परिवार में किसी के नाम पर विचार हो सकता है लेकिन एक परिवार से दो टिकट नहीं दिए जाएंगे। एक सवाल पर उन्होंने स्पष्ट किया कि भाजपा ने टिकट काटने से पहले जीतने की संभावना का आकलन किया गया है और टिकट उन्हें ही दिया गया है जो पार्टी को जीतने की गारंटी देते हैं।
उन्होंने यह भी साफ किया कि समाजवादी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव भाजपा में शामिल होंगी। लेकिन किसी खास सीट देने की शर्त को नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि अयोध्या हमारा बड़ा मुद्दा है लेकिन अयोध्या की सीट पर उम्मीदवार का नाम पार्टी में निर्धारित प्रक्रिया से ही तय किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी उत्तर प्रदेश के बाक़ी बचे टिकट अगले दो चरणों में घोषित करेगी।
भाजपा ने शनिवार को जारी अपनी पहली सूची में पहले और दूसरे चरण के तहत कुल 113 सीटों में से 105 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं। भाजपा ने अपने 83 मौजूदा विधायकों में से 63 विधायकों को दोबारा टिकट दिया है जबकि 20 विधायकों के टिकट में काट दिए हैं। इस सूची में 10 महिलाओं को टिकट दिया गया है और 21 नए चेहरों को मौका दिया गया है।
समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के गठबंधन ने अपनी पहली सूची में 30 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं जिनमें से मेरठ, बागपत, कैराना, किठौर, धौलाना, स्याना, बुलंदशहर, अलीगढ़, कौल सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। बहुजन समाज पार्टी ने पहले चरण की 58 सीटों में से 26 प्रतिशत यानी 14 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार दिए हैं जबकि कांग्रेस की 125 उम्मीदवारों की पहली सूची में सर्वाधिक 20 मुस्लिम उम्मीदवार दिए हैं।