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BJP Congress is running a robbery scheme in banks - Sabguru News
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Congress : बैंकों में लूट योजना चला रही भाजपा

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Congress : बैंकों में लूट योजना चला रही भाजपा
BJP Congress is running a robbery scheme in banks
BJP Congress is running a robbery scheme in banks
BJP Congress is running a robbery scheme in banks

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार के संरक्षण में बैंकों में लगातार घोटाले हो रहे हैं और कर्ज नहीं लौटाने वाले सत्ता के नजदीकी लोगों को देश से भगाया जा रहा है।

कांग्रेस प्रवक्ता जयवीर शेरगिल ने बुधवार को यहां पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ताजा मामला फ्रॉस्ट इंटरनेशनल कंपनी का है जिसने बैंकों से 3600 करोड़ रुपए का कर्ज लेकर घोटाला किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने मंगलवार को कंपनी के निदेशकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है और उसके अधिकारियों के कई ठिकानों पर छापे मारे हैं।

इस घोटाले को सरकार के संरक्षण में अंजाम देने का आरोप लगाते हुए उन्होंने सवाल किया कि बैंकों से ऋण लेने वाली इस कंपनी को किस आधार पर और किसके कहने पर उसकी क्षमता से ज्यादा का ऋण दिया गया, इसका खुलासा सरकार को करना चाहिए। उनका यह भी कहना था कि जब बैंक फ्रॉड की सूचना मिल रही थी तो कंपनी के खिलाफ कार्रवाई करने में किसके कहने पर ढील दी जा रही थी।

प्रवक्ता ने कहा कि मोदी सरकार के नजदीकी नीरव माेदी तथा मेहुल चोकसी सहित 31 लोग बैंकों का 90 हजार करोड़ रुपए लेकर देश से भाग गये थे तो उम्मीद थी कि इतने बड़े घोटाले के बाद मोदी सरकार बैंकों को बचाने के लिए उचित कदम उठाएगी लेकिन सरकार नहीं संभली और अब फ्रॉस्ट इंटरनेशनल कंपनी ने सरकार के संरक्षण में 14 बैंकों को 3600 करोड़ रुपए का चूना लगा दिया है।

कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि इस ताजा बैंक घोटाले को लेकर जो घटनाक्रम सामने आया है, उनसे साफ है कि सरकार ने जानबूझकर कदम नहीं उठाए और यह बैंक घोटाला होने दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि जनवरी 2018 को सरकारी क्षेत्र के एक बड़े बैंक ने सूचित कर दिया था कि फ्रास्ट इंटरनेशनल कंपनी कर्ज नहीं चुका रही है लेकिन छह माह तक बैंक और सरकार इस पर कुछ नहीं बोली।

उन्होंने कहा कि एक साल बाद यानी 10 जनवरी 2019 को घोटाला करने वालों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी करने का गृह मंत्रालय से बैंकों ने आग्रह किया लेकिन मंत्रालय ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। फिर 14 जून को बैंकों के अधिकारियों की बैठक होती है जिसमें बताया जाता है कि किस तरह से इस कंपनी ने बैंकों को चूना लगाया है। सरकार मामले को टालती है और फिर इस साल 18 जनवरी को इस संबंध में शिकायत दर्ज की जाती है और 20 जनवरी को इस मामले में छापे मारे जाते हैं।

प्रवक्ता ने सवाल किया कि जब जनवरी 2018 में यह मालूम हो गया था कि कंपनी बैंकों का कर्ज नहीं लौटा रही है तो एक साल बाद उसके अधिकारियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी क्यों किया जाता है। फिर इस बारे में प्राथमिकी दर्ज करने में एक साल और क्यों लग जाते हैं।

उन्होंने कहा कि बैंकों को पिछले पांच साल में अब तक दो लाख 70 हजार 513 करोड़ रुपए का चूना लग चुका है। सरकार के संरक्षण में बैंकों से ऋण लेने वाले लोग कर्ज लौटाने की बजाय विदेशों में भाग रहे और बैंकों का यह ऋण डूब रहा है।

श्री शेरगिल ने कहा कि रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार गत वर्ष अप्रैल से सितम्बर तक 95 हजार करोड रुपए देश से बाहर गये। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच साल के दौरान दो लाख 71 हजार करोड रुपए से ज्यादा देश से बाहर गये हैं। उन्होंने कहा कि 2015 में बैंकों से 19 हजार करोड़ रुपए, 2016 में 18690 करोड़ रूपए, 2017 में 23933 करोड़ रूपए 2018 में 41 हजार करोड रूपए तथा 2019 में 71 हजार करोड़ रूपए से अधिक की धनराशि देश से बाहर गई है।