लखनऊ। लाकडाउन में रोजी रोटी गंवा कर घर वापसी कर रहे प्रवासी श्रमिकों की सहानुभूति की खातिर बसों के इंतजाम को लेकर कांग्रेस और उत्तर प्रदेश सरकार के बीच छिड़ी जुबानी तकरार लगातार चौथे दिन मंगलवार को भी जारी है।
पिछले शनिवार को कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रवासी श्रमिकों के लिए एक हजार बसें चलाने की अनुमति मांगी थी। सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने के बावजूद अगले दिन यानी रविवार को कांग्रेस की राजस्थान सरकार ने सीमा पर बसों का बेड़ा खड़ा कर दिया। इस बीच वाड्रा ने एक के बाद एक तीन ट्वीट कर योगी सरकार पर निशाना साधते हुए बसों के संचालन की अनुमति देने को कहा।
देर शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट के जरिये प्रतिक्रिया देते हुए इसे कांग्रेस की कुटिल राजनीति का सूचक बताया। योगी ने कहा कि सरकार प्रवासी श्रमिकों को सुरक्षित घर पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है और इसके लिये बसों का इंतजाम सीमावर्ती जिलों में किया जा चुका है।
बाद में सूबे के अपर मुख्य सचिव गृह ने कांग्रेस से बस का रजिस्ट्रेशन नम्बर, फिटनेस प्रमाणपत्र, चालक परिचालक की सूची मांगी जिसे कांग्रेस ने सोमवार दोपहर बाद सरकार को भेज दिया गया। कांग्रेस द्वारा भेजी गई सूची को स्वीकार करते हुए सरकार की तरफ से कहा गया कि बसों को लखनऊ चालक परिचालक के साथ भेजा जाए।
वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह ने सोमवार.मंगलवार की रात दो बजे सूबे के अपर मुख्य सचिव गृह को पत्र लिख कर कहा कि लाकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों के सिलसिले में रविवार शाम चार बजे सरकार ने एक हजार बसों की सूची चालक परिचालक के नाम के साथ मांगी थी जिसे उपलब्ध करा दिया गया है।
आपने मंगलवार सुबह दस बजे लखनऊ में बसें उपलब्ध कराने की अपेक्षा की है जबकि प्रवासी गाजियाबाद और नोएडा स्थित दिल्ली सीमा पर फंसे हैं। ऐसे में लखनऊ को बस भेजना समय और संसाधन की बरबादी है और गरीब विरोधी मानसिकता की उपज है। ऐसा लगता नहीं है कि आपकी सरकार श्रमिकों की मदद करना चाहती है।
इसके जवाब में सरकार की ओर से अवस्थी ने वाड्रा के निजी सचिव को पत्र लिखकर कहा कि 500 बसें गाजियाबाद के कौशांबी और साहिबाबाद बस अड्डे पर दोपहर 12 बजे तक उपलब्ध करा दें। इसके अलावा 500 बसें गौतमबुद्धनगर को एक्सपो मार्ट के निकट ग्रांउड पर उपलब्ध कराने का कष्ट करें।
पत्र का जवाब देते हुए प्रियंका के सचिव ने कहा कि सुबह 11 बजकर पांच मिनट पर पत्र मिलने के बाद इतनी जल्दी बस उपलब्ध कराना मुश्किल है क्याेंकि दोबारा परमिट दिलाने की कार्यवाही की जा रही है। बसों की संख्या अधिक होने के कारण इसमें कुछ समय लगेगा। आग्रह है कि शाम पांच बजे तक समय देने की कृपा करें और साथ ही सरकार यात्रियों की सूची और रोडमैप तैयार रखे ताकि संचालन में हमे कोई आपत्ति न आए।
दाेपहर एक बजे वाड्रा के निजी सचिव ने कांग्रेस के मीडिया ग्रुप में पोस्ट किया कि बसें बार्डर पर तैयार खड़ी है लेकिन उन्हें प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है। स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्हे ऊपर से कोई आदेश नहीं है। आखिर यह हो क्या रहा है। क्या तानाशाही है। बसों की कतार लगी है मगर घुसने नहीं दे रहे है। इसके साथ ही कतारबद्ध बसो का वीडियो भी शेयर किया है।
प्रवासी श्रमिकों की घर वापसी के लिये बसों के संचालन में अनुमति को लेकर छिड़ी तकरार के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व सांसद प्रमोद तिवारी ने मंगलवार को कहा कि बसों को राज्य की सीमा में प्रवेश की अनुमति देने की बजाय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने मंत्रिमंडल को उनकी पार्टी पर आरोप लगाने के लिए मैदान पर उतार दिया है।
बसों की सूची में आटो, टूव्हीलर के रजिस्ट्रेशन नम्बर दिए जाने के आरोप से भड़के कांग्रेसी नेता ने कहा कि भाजपा के लोगों द्वारा कांग्रेस को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है ऐसे में पार्टी उन पर मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएगी।
तिवारी ने यहां पार्टी दफ्तर में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए एक हजार बसों के संचालन की अनुमति मांगी थी। चार दिन बीते गए, बसें तो नहीं उतरी लेकिन उत्तर प्रदेश का मंत्रिमंडल कांग्रेस पर आरोप लगाने के लिए उतर गया।
उन्होने कहा कि जो हमने सूची दी है वो बसों की है। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से अभी ऐसी कोई सूची नहीं आई कि हमने जो लिस्ट दी है वह बसों की नहीं है। हम पहले लखनऊ आए फिर वहां जाएं समय नष्ट होगा। लोग बॉर्डर पर परेशान हैं हज़ारों लोग इकठ्ठा है। बसों की तकनीकी जांच नोएडा या गाज़ियाबाद में भी हो सकती है। हमने कोई झंडा या फोटो नहीं लगाया। कांग्रेस बसों के जरिये सिर्फ मजदूरों की मदद करना चाहती है।
तिवारी ने कहा कि राजस्थान परिवहन निगम की बसें है इनको उत्तर प्रदेश मे घुसने नहीं दिया गया। दरअसल, बसों की कमी आज की तारीख में नहीं है बल्कि सरकार की नीत और नियत में दिक्कत है। आज भी परमिशन दे दो जो बसें खड़ी है वो चले गरीब आदमी अपने घरों तक पहुंच जाए।
बसें तो नहीं उतरी मगर योगी के मंत्री उतर गए आरोप लगाने : प्रमोद तिवारी