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नयी दिल्ली । पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने को लेकर अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के मजबूत समर्थन के बावजूद चीन के वीटो लगाने से नाराज भारतीय जनता पार्टी ने इस मसले पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि पंडित जवाहरलाल नेहरू ने ही चीन को शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बतौर ‘उपहार’ स्थान दिलाया था।
भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से गांधी पर तीखा हमला करते हुए कहा गया,“चीन संरासुप का सदस्य नहीं होता यदि आपके महान नाना (श्री नेहरू) ने इसे भारत की कीमत पर उपहार के तौर पर चीन को नहीं सौंपे होते। भारत ने आपके परिवार की सारी गलतियों को माफ किया है। यह सुनिश्चित करें कि भारत आतंक के विरूद्ध लड़ाई को जीते।”
मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों के नाकाम होने के बाद गांधी ने मोदी पर तल्ख टिप्पणियां की थी। जिसके तुरंत बाद भाजपा की ओर से यह बयान आया है। भाजपा ने पुरानी घटनाओं का उल्लेख करते हुए भी गांधी को घेरने की कोशिश की है। वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के चरम पर पहुंचने के दौरान चीनी अधिकारियों के साथ खुफिया बैठक का हवाला देते हुए गांधी को मोदी को किसी प्रकार की नसीहत नहीं देने की भी सलाह दी।
मसूद अज़हर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किये जाने संबंधी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में लाया गया प्रस्ताव एक बार फिर चीन की ओर से आपत्ति जताये जाने के कारण पारित नहीं हो पाया । संरासुप के स्थायी सदस्य देश अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन ने मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा था। स्थायी सदस्यों में शामिल चीन ने प्रस्ताव पर आपत्ति जतायी जिससे यह पारित नहीं हो सका।
भाजपा की ओर से चीन को सुरक्षा परिषद की सदस्यता ‘उपहार’ के तौर पर दिलाने में नेहरू की भूमिका पर एतिहासिक पृष्ठभूमि के तहत सवाल उठाये जा रहे हैं। वर्ष 1950 में जब अमेरिका ने चीन को संरासुप में स्थान देने से इंकार किया था तब नेहरू ने बीजिंग का समर्थन करते हुए इसे सुरक्षा परिषद का सदस्य बनने में अहम भूमिका निभायी थी। इसके पक्ष और विरोध में विभिन्न कारण बताये जाते हैं।
इससे पूर्व गांधी ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नीत राजग सरकार की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग के सामने ‘कमजोर’ पड़ जाते हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया,“हम इस कदम से निराश हैं। इससे 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर में आतंकवादी हमला करने वाले आतंकी संगठन के सरगना को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित नहीं किया जा सका।”
विदेश मंत्रालय ने कहा, “हम सदस्य राष्ट्रों की आेर से किये गये प्रयासों के लिए आभारी हैं जो मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव रखा। हम यह सुनिश्चित करने के लिए सभी रास्ते अपनाएंगे कि आतंकवादी सरगना जो जघन्य हमलों में शामिल है उसे न्याय के दायरे में लाया जाए।”