सबगुरु न्यूज-सिरोही। विधानसभा चुनावों में भाजपा के कई नेताओं ने जिले भर में भाजपा प्रत्याशी के साथ घूमकर विपक्षी पार्टी को कोसा। दूसरे बूथों के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को मतदान बढ़ाने और ज्यादा मतदान करने के लिए कहा भी, लेकिन अपने ही गांव, गली, मोहल्ले और शहर में भाजपा की दुर्गत करवा दी।
इनमें सबसे पहला नाम आता है भाजयुमो जिलाध्यक्ष हेमंत पुरोहित का। पहला इसलिए कि इन पर आरोप लगता रहा कि भाजपा प्रत्याशी ओटाराम देवासी के साथ घूमकर निर्दलीय प्रत्याशी संयम लोढ़ा के चुनाव चिन्ह का सबसे ज्यादा प्रचार इन्होंने किया। कांग्रेस की बजाय निर्दलीय को प्रचार में प्राथमिकता देने की इनकी रणनीति का नुकसान इनके गांव में ही हुआ।
सिंदरथ गांव के इनके दो बूथों में ओटाराम देवासी को 473 और निर्दलीय प्रत्याशी संयम लोढ़ा को 759 वोट मिले। वहां से भाजपा को निर्दलीय प्रत्याशी ने 286 मतों से हराया। यहां भाजपा के पदाधिकारी कांग्रेस को आगे नहीं देने की दलील को इसलिए स्वीकार नहीं कर रहे हैं कि खुद पुरोहित ने ही पूरी विधानसभा में सबसे ज्यादा जोर संयम लोढ़ा को हराने में ही दिया था, ऐसे में उनके गांव लोढ़ा की बढ़त पर सवालिया निशान लग रहा है।
भाजपा जिलाध्यक्ष के गांव के वाडेली ओर मीरपुर बूथ पर भाजपा 127 मतों से पीछे रही। भाजपा के जिला उपाध्यक्ष सूरजपालसिंह अरठवाडा के अरठवाड़ा गांव के बूथ पर ओटाराम देवासी संयम लोढ़ा से 204 मतों से पीछे रहे। इसी सबसे ज्यादा दुर्गत कैलाशनगर मंे हुई। भाजपा शिवगंज ग्रामीण देहात मंडल अध्यक्ष यहीं से हैं। यहां पर भाजपा लोढ़ा से 836 मतों से पीछे रही।
जावाल मंडल अध्यक्ष छगन घंांची के गांव जावाल के 7 बूथों पर भाजपा को मात्र 208 मतों से पीछे रही, जबकि 2018 में यहां पर भाजपा पांच सौ से ज्यादा मतों से आगे थी। शिवगंज शहर में दिनेश बिंदल संयम लोढ़ा को ओटाराम देवासी पर 876 मतों की बढ़त से नहीं रोक पाए। ओटाराम देवासी के दाहिना हाथ बने किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष गणपतसिंह अपने घर के निकट के बूथ पर भाजपा को बढ़त नहीं दिलवा पाए।