जयपुर। राजस्थान में करोली जिले के सपोटरा में पैट्रोल डालकर पुजारी बाबूलाल वैष्णव की हत्या से उपजे विवादों के बीच भारतीय जनता पार्टी का तीन सदस्यीय समिति के सदस्यों ने आज बूकना गांव में पीड़ित परिवार से बातचीत करके घटना की जानकारी ली।
भाजपा प्रतिनिधिमण्डल द्वारा पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार की मांगें स्वीकार कर ली हैं। समझौते की शर्तों के अनुसार राज्य सरकार मृतक पुजारी के परिवार को 10 लाख रूपए की मुआवजा राशि, परिवार के एक सदस्य को संविदाकर्मी के रूप में नियुक्ति के साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास भी दिया जाएगा।
समिति की सदस्य डाॅ. अलका गुर्जर ने कहा कि राज्य में निरन्तर बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति और बढ़ रहे अपराधों के बाद भी राज्य सरकार अपने आपसी द्वंद में ही व्यस्त है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार गठन के पहले दिन से ही सिर्फ अपनी कुर्सी बचाने में ही व्यस्त हैं।
उन्होंने कहा कि यह दुखद है कि राजस्थान में संत और महिलाओं के साथ लगातार अनाचार हो रहे हैं, लेकिन देश में अन्य स्थानों पर होने वाले दर्दनाक हादसों को लेकर बयानवीर बनने वाले मुख्यमंत्री प्रदेश की बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर कतई गम्भीर नहीं हैं।
जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह पटरी से उतर चुकी है। बाड़मेर, दौसा, करौली, भरतपुर सहित पूरे राज्य में अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं और कानून की निरन्तर धज्जियाँ उड़ाई जा रही हैं।
भाजयुमो के पूर्व प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र मीणा ने कहा की निरन्तर बढ़ रहे अपराधों का ग्राफ यही बताता है कि प्रदेश सरकार अपराधियों से ही मिली हुई है और मन्दिर के पुजारी बाबूलाल वैष्णव को जिंदा जलाने में जितने अपराधी दोषी हैं उतनी ही राज्य सरकार भी दोषी है। सरकार को दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।