सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा बोर्ड ने सिरोही में स्थित देवडा राजवंश की धरोहर सरजावाव बावडी को विकृत कर दिया है। भारतीय सांस्कृतिक निधि का सिरोही चेप्टर व कांग्रेस ने सिरोही की इन ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से गुहार लगाई है।
सूत्रों के अनुसार ऐतिहासिक बावडियों को विकृत करने की जानकारी मिलने पर सिरोही का पूर्व राजपरिवार भी सक्रिय हो गया है। सूत्रों के अनुसार यदि प्रशासन इसी तरह से इन बावडियों को विकृत करता है तो शीघ्र ही सिरोही के देवडा राजवंश की ऐतिहासिक थातियों व धरोहरों को बचाने के लिए बैठक आयोजित किए जाने का विकल्प भी खुला रखा हुआ है।
सबगुरु न्यूज ने सबसे पहले मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत सिरोही नगर परिषद की बावडियों को अराजन पलास्टर की बजाय सीमेंटेड पलास्टर करके पूरी तरह से विकृत किए जाने का समाचार प्रसारित किया था।
इसके बाद सोमवार को ही इंटेक (Indian National Trust for Art and Cultural Heritage ) के सिरोही चेप्टर के संयोजक आशुतोष पटनी से जिला कलक्टर को पत्र लिखकर बताया कि ऐतिहासिक बावडियों के मूलस्वरूप से छेडछाड राजस्थान राज्य स्मारक संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध है। उन्होंने बताया कि पुरातत्व विभाग ने हाल ही में सिरोही शहर की कनक बाव, रतन बाव, धरेश्वर बाव, झालरा बाव, सारजवाव आदि पर 40 लाख रुपये खर्च किए हैं।
मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान का मूल उद्देश्य बावडियों के पानी को पीने योग्य बनाने का है न कि इनको सीमेंटेड करके इनके मूल स्वरूप को विकृत करना।
इधर, मंलवार को नगर परिषद में कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष ईश्वरसिंह डाबी के साथ पार्षद जितेन्द्र सिंघी, एडवाकेट महेंद्र कुमार, एडवोकेट हरिओम, एडवोकेट कुलदीप रावल, सत्येन्द्र मीणा आदि समेत कांग्रेस पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने जिला कलक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को पत्र ज्ञापन भेजा।
इसमे उन्होने जिला प्रशासन व नगर परिषद द्वारा सिरोही की ऐतिहासिक बावडियों के मूल स्वरूप को मुख्यमंत्री जल स्वालम्बन अभियान के तहत बिगाडने के मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने ज्ञापन में बताया कि पिछले वर्ष राजसमंद की कलक्टर अर्चनासिंह ने एमजेए के तहत वहां की बावडियों के जीर्णोद्धार करने के लिए अराइश पलास्टर का इस्तेमाल किया था।
लेकिन सिरोही में इन्हीं ऐतिहासिक बावडियों को सीमेंटेड पलास्टर करके पूरी तरह से ऐतिहासिक धरोहर को बर्बाद किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इन बावडियों पर सीमेंटेड पलास्टर करने के टेंडर को निरस्त करके इनके मूल स्वरूप को बरकरार रखने के लिए अराइश पलास्टर करवाने के लिए नए सिरे से पुरातत्व विभाग के मार्गदर्शन में टंेडर निकाले जाएं।
उन्होंने विकृत की गई बावडी को फिर से मूल स्वरूप में लाने और इसमें होने वाला खर्च संबंधित अधिकारियों की तनख्वाह से वसूल करने की भी मांग की। डाबी ने बताया कि जिला कलक्टर ने उनसे कहा कि सवेरे ही सीमेंटेड पलास्टरिंग का काम रुकवा दिया गया है।
इधर, देवडा राजवंश की ऐतिहासिक विरासत को मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन अभियान के तहत विकृत किए जाने को लेकर पूर्व राजपरिवार भी सक्रिय हो गया है। सूत्रों के अनुसार उनके प्रतिनिधि ने जिला कलक्टर से इस संबंध में बात की। उन्होंने मांग की कि इसके लिए नगर परिषद के पास धनराशि आई है वह इसके मूल स्वरूप को बरकरार रखते हुए काम करे। इसके लिए वह मार्गदर्शन के लिए तैयार हैं।
यह जानकारी भी आई है कि यदि प्रशासन सिरोही की इन ऐतिहासिक विरासतों को विकृत करना जारी रखता है तो इस संबंध में बैठक भी आयोजित की जा सकती है और इसके लिए सीधे ही राजस्थान सरकार व सचिव स्तर पर भी संपर्क साधा जाएगा।
-ढक दिए पूरे पत्थर और पुरातत्व विभाग का काम
जिला कलक्टर ने इस संबंध में मिलने गए सभी पक्षों को यह आश्वस्त किया है कि उन्होंने ऐतिहासिक बावडियों पर सीमेंट का पलास्टरिंग के कार्य को रुकवा दिया है। अब इसकी ऐतिहासिकता को बरकरार रखते हुए इनका जीर्णाेद्धार करवाया जाएगा।
लेकिन ठेकेदार ने मंगलवार को भी सरजावाव के ऐतिहासिक पत्थरों को सीमेंट में दफनाने का काम जारी रखा और बावडी में घुसते ही दाहिनी तरफ पत्थरों और उस पर पुरातत्व विभाग द्वारा करवाए गए अराइश पलास्टर को भी सीमेंट और बजरी के पलास्टर से ढक दिया है। मंगलवार को भी सरजावाव पर पलास्टरिंग जारी रही जो तीन बजे तक चलती रही।
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