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BJP dream of getting the throne of Delhi again remained incomplete - Sabguru News
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भाजपा का दिल्ली की गद्दी पाने का सपना फिर रह गया अधूरा

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भाजपा का दिल्ली की गद्दी पाने का सपना फिर रह गया अधूरा
BJP dream of getting the throne of Delhi again remained incomplete
BJP dream of getting the throne of Delhi again remained incomplete

नई दिल्ली। हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड में सत्ता गंवाने के बाद भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली चुनाव को लेकर बड़ी आस थी, लेकिन आज घोषित हुए चुनाव परिणामों ने एक बार फिर भाजपा के आशाओं पर पानी फेर दिया है। आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2015 का इतिहास दोहराते हुए बड़ी सफलता हासिल की है मौजूदा उजालों के अनुसार लगभग 55 सीटों पर बढ़त बनाए हुए हैं। दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है।

रुझानों में आम आदमी पार्टी को बहुमत मिल गया है। आम आदमी पार्टी 55 से ज्यादा सीटों पर आगे बनी हुई है। वहीं, भारतीय जनता पार्टी 15 से ज्यादा सीटों पर आगे है। कांग्रेस की बात करें तो वह एक सीट पर आगे बनी हुई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली और डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट से आगे बने हुए हैं।

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का राष्ट्रवाद का मुद्दा नहीं चला

दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा का राष्ट्रवाद यानी नागरिकता कानून संशोधन और जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 आदि पर किया गया आक्रामक प्रचार राजधानी दिल्ली के लोगों को नहीं पसंद आया। पार्टी का कहना था कि मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 370 को हटाया। पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यकों को मदद से लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाया और मुस्लिम महिलाओं के तीन तलाक को गैर-कानूनी घोषित किया। वोटर इतना भी भोला नहीं है कि वह स्थानीय और राष्ट्रीय मुद्दों में फर्क कर सके।

दिल्ली में रहने वाले वोटरों के लिए पानी, बिजली, शिक्षा और चिकित्सा जैसे मुद्दे ज़्यादा अहमियत रखते हैं। इन मुद्दों का बोलबाला आम आदमी पार्टी के कैंपेन में दिखा। इस चुनाव में दिल्ली के लोगों को शायद एक बात समझ आ गई थी कि अगर वे बीजेपी को वोट देते भी हैं तो भी नरेंद्र मोदी दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। अब एक नज़र दिल्ली बीजेपी के नेताओं की सूची पर डाली जाए तो कोई भी नेता अरविंद केजरीवाल को चुनौती देता नहीं दिखता। ऐसे में बीजेपी विकल्प नहीं दे पाई। जो आम आदमी पार्टी के पक्ष में जाता है।

भाजपा का आक्रामक प्रचार और खराब अर्थव्यवस्था दिल्ली के वोटरों ने नकारी

दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी का आक्रामक प्रचार और देश की खराब अर्थव्यवस्था दिल्ली के वोटरों ने नकार दी है। भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र में कई लोकलुभावने वादे थे, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान विपक्षी पार्टियों पर किए गए हमले बेहद ही नकारात्मक चरित्र के थे। अरविंद केजरीवाल के लिए ‘आतंकवादी’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल, किसी भी दिल्ली वोटर के गले नहीं उतरता। इसके अलावा पार्टी ने आखिरी 10 दिनों में चुनाव प्रचार को शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर चल रहे धरना प्रदर्शन पर केंद्रित करने की कोशिश की।

इस दौरान भी बीजेपी के कई स्टार प्रचारकों ने बेबुनियादी और संप्रदाय विशेष के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए। इस तरह का चुनाव प्रचार कहीं से भी वोटरों को किसी एक पार्टी के लिए वोट डालने के लिए प्रेरित नहीं करता। दिल्ली में देश के हर राज्य के लोग रहते हैं। यह महानगर है। यानी एक ऐसा क्षेत्र जिसमें कमजोर होती अर्थव्यवस्था का सबसे ज़्यादा असर देखने को मिलना चाहिए।

शंभू नाथ गौतम, वरिष्ठ पत्रकार