लखनऊ। संख्या बल के लिहाज से भारतीय जनता पार्टी के लिए बेहद अहम राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के तौर पर केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली के अलावा राज्य के कुछ अन्य कद्दावर नेताअों के नामों पर विचार किए जाने की संभावना है।
सूबे से राज्यसभा की दस सीटों के लिए अधिसूचना सोमवार को जारी की जाएगी और यदि चुनाव जरूरी हुआ तो 23 मार्च को मतदान होगा। सूत्रों के अनुसार पार्टी के संभावित उम्मीदवारों की फेहरिस्त में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मी कांत बाजपेई का नाम सबसे ऊपर है। बाजपेई को हालांकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में मेरठ सीट से हार का सामना करना पडा था।
पार्टी सूत्रों ने बताया कि यहां यह देखना दिलचस्प होगा कि विवादित बयानो के कारण मशहूर फायर ब्रांड नेता विनय कटियार को भाजपा राज्यसभा के लिए फिर से मौका देती है कि नहीं। इसके अलावा केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के नाम पर भी विचार किया जा सकता है।
इस बीच राज्यसभा चुनाव को लेकर भाजपा समेत सभी दलों में गुटबाजी जोर पकडने लगी है। कल राज्य की दस सीटों के लिए की जाने वाली घोषणा के बाद नामाकंन प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
भाजपा सूत्राें ने बताया कि राज्यसभा के लिए उत्तर प्रदेश से कुछ बड़े नाम उम्मीदवार के तौर पर सामने आ सकते है। केन्द्रीय मंत्री अरूण जेटली और कुछ अन्य बड़े नेताओं को पार्टी अहम चुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित करती है तो इसमे अचरज नही होना चाहिए।
राज्यसभा चुनाव के लिए नामाकंन की आखिरी तारीख 12 मार्च है। नामाकंन पत्राें की जांच का काम अगले रोज पूरा कर लिया जाएगा जबकि 15 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकते है। राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान 23 मार्च को होगा और उसी दिन नतीजे सामने आने की संभावना है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के दस सदस्याें का कार्यकाल दो अप्रेल को समाप्त हो जाएगा। राज्यसभा की सदस्यता के लिए भाजपा इस चुनाव में सबसे बडी पार्टी बनने के लिए पूरी तरह तैयार है। भाजपा का दस में से आठ सीट जीतना तय है जबकि समाजवादी पार्टी को एक सीट पर संतोष करना पडेगा।
बची हुई एकमात्र सीट के लिए विपक्ष की एकता को कडी कसौटी पर खरा उतरना होगा। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अथवा कांग्रेस को अन्य दलों के समर्थन के बिना इस सीट को जीतना मुमकिन नहीं होगा।