मऊ। इसे चुनावी गणित कहें या सिद्धांतों की राजनीति मगर सच है कि उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने मऊ की घोसी सीट के लिए मजबूत कदम उठाते हुए उम्मीदवार की दावेदारी में जुटे बिहार के राज्यपाल के पुत्र को नकार कर एक सब्जी बेचने वाले के बेटे को प्रत्याशी बनाकर सबको चौंका दिया।
आगामी 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव के लिए रविवार को भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा किया जिसमें नगर अध्यक्ष के रूप में काम कर चुके पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता एवं पूर्व सभासद युवा चेहरे विजय राजभर को अपना प्रत्याशी घोषित किया।
जबकि घोसी विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक फागू चौहान के बिहार के राज्यपाल बन जाने के बाद इस खाली सीट पर दावेदारी करने के लिए चौहान के पुत्र रामविलास चौहान ने बकायदे पूरी तैयारी करते हुए नामांकन फार्म तक खरीद लिया था। इसके अलावा इस सीट पर टिकट के लिए दावेदारों की लंबी लिस्ट थी।
घोसी विधानसभा क्षेत्र से 5 बार विधायक रह चुके फागू चौहान पूर्व मंत्री भी रह चुके थे, जो 2017 आम चुनाव में चुनकर विधायक बने। चौहान को गत दिनों बिहार राज्यपाल बना दिया गया। उनके द्वारा रिक्त हुई सीट पर उपचुनाव के लिए उनके पुत्र रामविलास चौहान एक मजबूत दावेदार माने जाते थे। पार्टी में मजबूत पकड़ व पिता के कद्दावर होने के चलते लोग उन्हें एक मजबूत देख रहे थे।
वहीं नगर क्षेत्र में फुटपाथ पर सब्जी बेचने वाले के युवा पुत्र विजय राजभर पूर्व नगर अध्यक्ष पर पार्टी ने अपना विश्वास जताते हुए उम्मीदवार घोषित कर दिया। भाजपा के इस निर्णय के बाद जिले में एक चर्चा सी चल पड़ी कि राज्यपाल के बेटे को नकार कर सब्जी बेचने वाले के बेटे को भाजपा ने प्रत्याशी घोषित कर एक मजबूत दांव खेला है।