अजमेर। राजस्थान में अजमेर में राजस्व मंडल के विघटन के मुद्दे पर इन दिनों राजनीति गर्मा रही है जबकि इसका विघटन भाजपा राज में वर्ष 2016 में ही कर दिया गया और किसी को कानों कान खबर नहीं हुई।
पिछले दिनों मुख्य सचिव निरंजन आर्य की पहल पर राजस्व मंडल के प्रशासनिक कार्यों का मुख्यालय भी जयपुर ले जाने का निर्णय किया गया, जिसका राज्य स्तर पर व्यापक विरोध हुआ। इस निर्णय को निरस्त कराने के लिए जहां राजस्व बार ने पोस्ट कार्ड अभियान चलाया, वहीं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी दलों, राज्य कर्मचारी संघ, व्यापारी संगठनों और आम लोगों ने सरकार के फैसले का बढ़चढ़ कर विरोध किया है।
इस मुद्दे पर फिलहाल जमकर राजनीति की जा रही है, जबकि जानकारों के अनुसार मंडल का विघटन भाजपा राज में ही कर दिया गया था। इसके तहत एक हिस्सा काट कर ‘भूमि अर्जन पुनर्वासन एवं पुनव्यर्स्थापन प्राधिकरण’ का गठन करके इसका मुख्यालय जयपुर बना दिया गया और दर्जन भर अधिकारियों की तैनाती कर दी गई। यह तब हुआ जब वसुन्धरा राजे मुख्यमंत्री थीं और अजमेर के वासुदेव देवनानी एवं अनिता भदेल मंत्री थे।
अजमेर के वरिष्ठ कांग्रेसी एवं पूर्व विधायक डा. श्रीगोपाल बाहेती ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर भाजपा राज में की गई इस गलती को सुधारते हुए कांग्रेस राज में राजस्व मंडल के इस विघटन को निरस्त करके इसे पुनः मिलाने अथवा इसका मुख्यालय अजमेर किए जाने की मांग की है। उन्होंने देवनानी और भदेल की भी इस बात के लिए निन्दा की है कि अजमेर से दो मंत्री रहने के बावजूद इसका विघटन कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि राजस्व मंडल समझौते में अजमेर को मिला, लेकिन समय समय पर इसके विभाजन का काम होता रहा है।