गांधीनगर। गुजरात में सत्तारूढ़ भाजपा ने पार्टी की महिला कार्यकर्ता तथा हार्दिक पटेल की अगुवाई वाले पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति से पार्टी में आईं उनकी पूर्व करीबी सहयोगी रेशमा पटेल को बयानबाजी के मामले में संयम बरतने को कहा है।
रेशमा ने कल पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद ट्विट कर अपनी ही पार्टी और इसके शीर्ष नेतृत्व पर प्रहार किया था अौर उनकी ऐसी बयानबाजी कमोबेश जारी है।
गुजरात भाजपा के प्रवक्ता भरत पंडया ने कहा कि रेशमा को संयंम बरतने को कहा गया है। यह पूछे जाने पर कि पार्टी क्या उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करेगी, पंडया ने कहा कि वह फिलहाल इस बारे में इसलिए कुछ नहीं कह सकते क्योंकि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एक सामाजिक कार्यक्रम में भाग लेने गए हैं और इसलिए इस मामले पर गौर करने के लिए अभी उपलब्ध नहीं है।
ज्ञातव्य है कि पिछले साल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हार्दिक का साथ छोड़ कर भाजपा में आने वाली रेशमा ने कल ट्विट किया था कि यह आत्मविश्वास की हार नहीं है, यह अभिमान की हार है। जनता का एक-एक आंसू सरकार के लिए खतरा है।
उन्होंने आज भी पत्रकारों से कहा कि वह कांग्रेस मुक्त भारत के नारे से सहमत नहीं हैं। विपक्ष के बिना लोकतंत्र का कोई मतलब ही नहीं है। रेशमा ने कुछ दिन पहले भी पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा पर काबू के लिए की गई पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों के परिजनों को नौकरी दिए जाने के मामले में राज्य सरकार के कथित ढुलमुल रवैये के खिलाफ बयानबाजी की थी। पर तब मामले को किसी तरह संभाल लिया गया था।