नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सेना का सम्मान करने के बयान पर आज सवाल उठाया कि आखिर वह उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को यह बात क्यों नहीं समझा पा रहे हैं जो लगातार आतंकवादियों को महिमामंडित करते रहे हैं।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यहां पार्टी के केन्द्रीय कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि गांधी ने पहली बार कहा है कि वह सेना का सम्मान करते हैं। लेकिन गांधी के बयान ने कई और सवाल खड़े कर दिये हैं। गांधी यह बताएं कि उनके साथ यात्रा में हजारों किलोमीटर चलने वाले दिग्विजय सिंह को वह यह बात क्यों नहीं समझा पाए।
उन्होंने कहा कि ये देश सेना की शहादत का सबूत नहीं मांगता उनके बलिदान को सलाम करता है। दिग्विजय सिंह ने जाकिर नाइक को शांति का दूत बताया था और बाटला हाउस मुठभेड़ में मारे गए आतंकियों के परिवार से मिले और मुठभेड़ पर सवाल खड़ा किया। दिल्ली पुलिस की वीरता को नीचा दिखाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी एक पुस्तक में हिन्दुत्व का बदनाम किया है। कांग्रेस ने इसे उनके निजी विचार कहा है लेकिन निजी विचार की कोई सीमा होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि हमारा शुरू से मानना है कि भारत की सेना देश की बहुत बड़ी धरोहर है और हमें भारतीय सेना की परंपरा, उसकी वीरता और बलिदान पर गर्व है। हमें राजनीति से ऊपर उठकर सेना का सम्मान करना चाहिए। लेकिन श्री गांधी से सवाल है कि उन्हें यह बात सार्वजनिक रूप से कहने में वर्षों क्यों लगे कि वह सशस्त्र सेनाओं का सम्मान करते हैं।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी जी, हजारों किलोमीटर साथ चलने के बाद भी आप दिग्विजय सिंह को भारत की सेना का सम्मान करना क्यों नहीं सिखा पाए? वह भी कश्मीर के अंदर, ये बड़े शर्म की बात है। उन्होंने सवाल किया कि कल नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती थी, दिल्ली में इतनी बड़ी प्रतिमा नेता जी सुभाष चंद्र बोस की लगी है, क्या कांग्रेस का कोई नेता वहां प्रणाम करने गया? ये कांग्रेसी, सरदार पटेल की प्रतिमा पर भी नहीं गए और नेता जी की प्रतिमा पर भी नहीं गए।
उन्होंने कहा कि जयराम रमेश का वीडियाे देखा गया है जिसमें रमेश सवालों को पूछने से रोकने की कोशिश कर रहे हैं जबकि दिग्विजय सिंह जवाब देने के लिए उतावले दिख रहे हैं। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को बहाल करने के दावे के बारे में पूछने पर प्रसाद ने कहा कि जम्मू कश्मीर बहुत ही संवेदनशील विषय है। अनुच्छेद 370 अब अतीत की बात हो गयी है। अनुच्छेद 370 को वापस लाने के लिए दो तिहाई बहुमत उन्हें कभी नहीं मिलेगा।
गांधी को अब अतार्किक एवं अप्रासंगिक बातें करने की बजाए तथ्यों पर बात करनी चाहिए। अनुच्छेद 370 हटने के बाद जम्मू कश्मीर की प्रगति एवं समृद्धि के रास्ते खुल गये हैं और वहां तेजी से विकास हो रहा है। प्रदेश में सैलानियों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। राज्य के युवक आईएएस आईपीएस बन रहे हैं। उपराज्यपाल को लेकर जिस प्रकार की बयानबाज़ी हो रही है, वो बहुत गलत बात है।