नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने वायुसेना के ‘पिलाटस प्रशिक्षण विमान’ के सौदे में सीधे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के परिवार के दलाली पाने का आज आरोप लगाया और कहा कि राफेल के सौदे में भी गांधी परिवार की दलाली का जुगाड़ नहीं हो पाने के कारण समय पर विमान नहीं खरीदे गए और देश की सुरक्षा को खतरे में डाला गया।
भाजपा के प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने कहा कि आजादी के बाद भारत में हुए सभी घोटालों के तार कांग्रेस के दरवाजे पर जाते हैं और राफेल को लेकर कांग्रेस में जो छटपटाहट दिखाई दे रही है, वह गांधी परिवार को दलाली नहीं मिल पाने के कारण है।
डॉ. पात्रा ने आरोप लगाया कि गांधी के परिवार के सदस्य और सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा के अभिन्न मित्र संजय भंडारी की राफेल विमान बनाने वाली कंपनी डेसोल्ट एविएशन्स से साठगांठ नहीं हो पाने के कारण यह विमान सौदा नहीं किया गया।
संजय भंडारी इस बात के लिए प्रयासरत थे कि उनकी कंपनी ऑफसेट इंडिया सॉल्यूशन्स को डेसोल्ट एविएशन्स के साथ ऑफसेट करार में किसी प्रकार से शामिल करा लिया जाए लेकिन डेसोल्ट एविएशन्स इसके लिए राज़ी नहीं हुई और इसी कारण यह सौदा संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के समय नहीं हो पाया।
राफेल सौदे में हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की अनदेखी करने के गांधी के सरकार पर आरोपों का उल्लेख करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि संप्रग सरकार के समय वायुसेना के पिलाटस विमानों की खरीद में एचएएच द्वारा विकसित स्वेदशी एचटीटी विमानों को दरकिनार करके स्विट्ज़रलैंड से पिलाटस विमानों की खरीद की गई थी।
उसके लिए संजय भंडारी के स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक के खाते में दस लाख स्विस फ्रैंक का भुगतान किया गया था और 2012 में सौदे पर अंतिम मुहर लगने के समय वाड्रा को दुबई और स्विट्ज़रलैंड के ज्यूरिख का महंगा हवाई टिकट दिया गया था और वाड्रा ने यात्रा भी की थी।
डॉ. पात्रा ने कहा कि वर्ष 2014 में देश में मोदी सरकार के आने पर संजय भंडारी की कंपनी पर शिकंजा कसा गया और रक्षा सौदों के लिए काम करने से उसे प्रतिबंधित किया गया। उन्होंने कहा कि 2016 में संजय भंडारी के 18 ठिकानों पर छापे मारे गए थे जिनमें रक्षा मंत्रालय की अत्यंत गोपनीय फाइलें, मिड एयर रिफ्यूलर्स की खरीद संबंधी दस्तावेज, रक्षा खरीद प्रोफार्मा, रक्षा खरीद परिषद के कागजात और सौदेबाजी की बातचीत के दस्तावेज़ाें के साथ साथ राफेल के सौदे संबंधी दस्तावेज भी पाए गए थे।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस पर भंडारी के विरुद्ध सरकारी गोपनीयता कानून के तहत मुकदमा कायम किया गया। उन्होंने कहा कि छापे के दौरान भंडारी, रॉबर्ट वाड्रा और उनके एक सहायक मनोज अरोड़ा के बीच ईमेल पत्राचार का पता चला जिससे पता चला है कि भंडारी के लंदन में रहने वाले एक रिश्तेदार सुमित चड्ढा ने वाड्रा के लिए लंदन में अक्टूबर 2009 में 19 करोड़ रुपए का एक भव्य फ्लैट खरीदा था। वाड्रा के एक मेल से पता चला है कि उस फ्लैट में 35000 हजार पाउंड की साज सज्जा कराई थी।
पिलाटस प्रशिक्षण विमानों के मामले का विवरण साझा करते हुए डॉ. पात्रा ने कहा कि वायुसेना को प्रशिक्षण के लिए विमान की जरूरत थी जिसके लिए एचएएल ने एचटीटी 40 विमान वायुसेना की जरूरताें के अनुरूप तैयार किए थे लेकिन उसमें दलाली नहीं मिलती। इसी कारण पिलाटस विमान स्विट्जरलैंड से खरीदने का फैसला किया गया और उस विमान को खरीद प्रक्रिया यानी टेंडरिंग में शामिल कराने के लिए 12 बेंचमार्क बदले गए थे।
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार को घूस दिलाने के लिए एचएएल को ताक पर रख कर पिलाटस की खरीद की गई। उन्होंने कहा कि किसी समय आयातित कारों का डीलर रहा भंडारी 2000 में कार चोरी के आरोपों में जेल में भी रहा था। बाद में उसने एक ट्रेवल कंपनी भी खोली थी।
उन्होंने पिलाटस की खरीद के दौरान भंडारी के बैंक खाते में दस लाख स्विस फ्रैंक के भुगतान के बैंक स्टेटमेंट और श्री वाड्रा के स्विट्ज़रलैंड आने जाने के टिकट की प्रति भी साझा की।
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस मामले में विभिन्न एजेंसियां जांच कर रहीं हैं। वाड्रा पर शिकंजा कस रहा है और वे आरोपों से बच नहीं पाएंगे और ऐसा इसलिए हो पाएगा क्योंकि मोदी सरकार ने किसी को बचाने का काम नहीं किया है।
उन्होंने कहा कि गांधी परिवार ने देश को लूटने का काम किया है। सत्तर वर्ष में खुद को इतना मज़बूत किया था लेकिन यह देश के चौकीदार का जज़्बा है कि उनको कानून के सामने घुटने टेक कर खड़े होने पर मजबूर कर दिया है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि संजय भंडारी 2014 से पहले ही देश से भाग गया था लेकिन अब उसकी पूरी संपत्ति जब्त की जा चुकी है। वाड्रा के केस की जांच प्रवर्तन निदेशालय और आयकर विभाग कर रहा है। सीबीआई भी जांच करेगी और उन्हें पूरा विश्वास है कि न्याय अवश्य होगा।