पटना। केन्द्र की मोदी सरकार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक जनता दल यूनाइटेड के सांकेतिक भागीदारी से इनकार और फिर बिहार के मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी और लोक जनशक्ति पार्टी के शामिल नहीं होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर महागठबंधन में वापसी के लिए डाले जा रहे डोरे के बीच आज केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के इफ्तार को लेकर कुमार पर किए गए तंज ने जदयू-भाजपा के ‘रिश्तों में खटास’ बढ़ा दी है।
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद 30 मई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रियों की शपथ के ठीक पहले नीतीश कुमार की मंत्रिमंडल में जदयू की सांकेतिक भागीदारी को ठुकराने की घोषणा के बाद से ही सियासी तापमान काफी बढ़ा हुआ है। इस सियासी गर्मी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2 जून को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार किया तब उसके सहयोगी भाजपा और लोजपा इसमें शामिल नहीं हुए।
उसी दिन भाजपा और जदयू की ओर से दी गई इफ्तार की अलग-अलग दावत में दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेता शामिल नहीं हुए लेकिन जदयू की दावत में हम के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी आए। वहीं, 3 मई को लोजपा की ओर से दी गई इफ्तार पार्टी में कुमार और भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी समेत राजग के कई नेता शामिल हुए। उसी दिन मांझी की पार्टी हम की ओर से दी गई इफ्तार की दावत में भी कुमार शामिल हुए और मांझी को गले भी लगाया।
इसी दौरान कांग्रेस, राजद और हम के नेताओं ने कहा कि कुमार को महागठबंधन में वापस आ जाना चाहिए। राबड़ी देवी ने भी कहा कि कुमार यदि महागठबंधन में आते हैं तो उन्हें कोई एतराज नहीं होगा।
अभी इफ्तार की दावतों के बहाने हो रही सियासत और महागठबंधन की ओर से नीतीश कुमार पर डाले जा रहे डोरों को लेकर भाजपा-जदयू के रिश्तों को लेकर कयासों के दौर शुरू ही हुए थे कि भाजपा के फायर ब्रांड नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने आज सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर कुमार पर तंज कसते हुए इफ्तार पार्टी की चार तस्वीरें ट्वीट कर राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है।
सभी तस्वीरों में मुख्यमंत्री कुमार अन्य नेताओं के साथ नजर आ रहे हैं। उन्होंने इन तस्वीरों को पोस्ट करते हुए लिखा कि कितनी खूबसूरत तस्वीर होती जब इतनी ही चाहत से नवरात्रि पर फलाहार का आयोजन करते और सुंदर सुंदर फ़ोटो आते? अपने कर्म धर्म में हम पिछड़ क्यों जाते और दिखावा में आगे रहते है?
इसपर जदयू नेताओं ने ट्वीट का करारा जवाब दिया तो उसमें महागठबंधन के घटक हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के नेता जदयू के साथ खड़े हो गए। जदयू नेता संजय सिंह ने ट्वीट कर केंद्रीय मंत्री पर कार्रवाई की मांग करते हुए कहाकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में कहा था कि वह अपने दल के ऐसे नेताओं पर लगाम लगाएंगे, जो नफरत और उन्माद की भाषा बोलेंगे। अब वक्त आ गया है कि गिरिराज सिंह के ऐसे बयानों को गंभीरतापूर्वक लेते हुए भाजपा नेतृत्व कार्रवाई करे।
सिंह ने एक अन्य ट्वीट में कहा कि गिरिराज सिंह जी, हिंदू का मतलब हिंसा नहीं होता है । हम ढोंग नहीं करते हैं और ना ही हमें झूठा दिखावा करना पड़ता है। ‘मंदिर वहीं बनाएंगे, लेकिन तारीख नहीं बताएंगे’ यह नारा हमें नहीं देना पड़ता है। देश उन्माद से नहीं चलता है, ऐसा बयान कोई मानसिक तौर पर बीमार व्यक्ति ही दे सकता है।
उन्होंने आगे कहा कि भारत दुनिया का सबसे खूबसूरत देश इसलिए है, क्योंकि यहां सभी धर्म और संप्रदाय को मानने वालों को संविधान ने समान अधिकार दिया है। हम देवी दुर्गा की आराधना में फलाहार भी करते हैं और रमजान के महीने में इफ्तार भी। सर्व धर्म समभाव से सुंदर तस्वीर क्या होगी? उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंदिर में घंटा बजाते और बौद्ध अनुष्ठान में भाग लेते हुए तस्वीर भी साझा की।
जदयू नेता और राज्य के सूचना एवं जनसम्पर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि देश संविधान से चलता है और बिहार में सभी धर्म का सम्मान होता है। हर व्यक्ति को धार्मिक स्वतंत्रता मिली हुई है। हमारा भाव सहिष्णुता, करुणा और दया है। जदयू नेता और भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी गिरिराज सिंह को करारा जवाब देते हुए कहा कि जब चुनाव का समय था तो सिंह मुख्यमंत्री कुमार को 10 बार फोन करते थे कि उनके लिए सभा की जाए। आज कुमार की बदौलत ही वह चार लाख से ज्यादा वोटों से जीते हैं, लेकिन अब कुमार को लेकर वे इस तरह के बयान दे रहे हैं। ये ठीक बात नहीं है।
नीतीश मंत्रिमंडल के एक अन्य सदस्य और जदयू नेता श्याम रजक ने कहा कि सिंह केंद्रीय मंत्री बनाये गए हैं वे अपना काम करें। काम करने के बदले बयान देकर चेहरा ना चमकाएं। उन्होंने कहा कि सिंह शायद भूल रहे हैं कि सुशील मोदी भी इफ्तार का आयोजन करते हैं।
उधर, राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने श्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा कि कुमार की अलग पहचान है और वह इसके लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता गिरिराज सिंह कुमार के बारे में जो भी बोल रहे हों, इससे कुमार को कोई फर्क नहीं पड़ता है और वह अपनी छवि के अनुसार ही काम करेंगे। यदि कुमार अपना व्यवहार और कार्य करने का तरीका सिंह के सुझाव के अनुसार बदल देंगे तो वह अपनी पहचान खो देंगे।
कांग्रेस नेता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि सिंह का ये ट्वीट नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल विस्तार की प्रतिक्रिया में है। ऐसा लगता है कि राजग में सब ठीक नहीं है या सिंह दिखाना चाहते हैं कि वह हिन्दुओं के बड़े नेता हैं। उन्होंने कहा कि कुमार जब तक भाजपा के साथ हैं तब तक उनकी पार्टी का उनसे कोई संबंध नहीं हो सकता है। हालांकि उन्होंने कहा कि उन्हें लगता है कि बिहार विधानसभा का चुनाव नए समीकरण के तहत होगा।
हम के प्रवक्ता डॉ. दानिश रिजवान ने कहा कि नीतीश कुमार एक धर्मनिरपेक्ष नेता हैं और उनपर ऐसी टिप्पणी कहीं से ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि गिरिराज सिंह खुद बताएं कि उन्होंने नवरात्र पर कब फलाहार की दावत दी थी। धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करने से उन्हें बचना चाहिए और केन्द्रीय मंत्री के रूप में जो काम दिया गया है उसपर उन्हें ध्यान देना चाहिए।