अलवर। भाजपा के कद्दावर नेता और अलवर जिले के रामगढ़ विधानसभा से भाजपा के विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने गौ तस्करी और लव जिहाद जैसे मुद्दों के लिए अलवर के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोला है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार कार्रवाई करें तो बड़े अधिकारियों पर करें।
उन्होंने रामगढ़ के ललावंडी गांव में एक गौ तस्कर की मौत के मामले में पुलिस उपाधीक्षक प्रशिक्षु आईपीएस अनिल बेनीवाल पर आरोप लगाया। विधायक ज्ञानदेव आहूजा आज इस घटना के 10 दिन बाद ललावडी गांव पहुंचे और वहां के लोगों से जानकारी प्राप्त की।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राजनीतिक नेताओं के संरक्षण में गोकशी करते हैं अगर यह लोग गोकशी या गौतस्करी या लव जिहाद जैसे काम नहीं करें तो हिंदुओं के पास बोलने का कोई मामला नहीं होगा और कोई भी हिंदू मुस्लिम की बात नहीं करेगा। सीधे विकास की बात होगी।
उन्होंने गौ तस्कर को राजस्थान सरकार द्वारा आर्थिक सहायता देने के सवाल पर कहा कि अभी तक कोई आर्थिक सहायता नहीं दी गई है और इस संबंध में मुख्यमंत्री से वार्ता की जा रही है और उनकी कोशिश होगी कि गौ तस्कर को सरकार की ओर से कोई आर्थिक सहायता नहीं दी जाए। सबसे पहले न्यायिक जांच की मांग भी उन्होंने ही की थी।
उन्होंने कहा कि विधानसभा में भी इस मामले को उन्होंने कई बार उठाया है और 98 फ़ीसदी सिर्फ छोटे स्तर पर ही कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होती है उन्होंने सरकार से मांग की कि बड़े अधिकािरयों के खिलाफ ही कार्यवाही होनी चाहिए तभी ही अपराध रूक सकेंगे।
उन्होंने कहा कि मैं विधानसभा में अपनी बात रखता हूं लेकिन विद्रोह नहीं करता क्योंकि मैं पार्टी का वफादार सिपाही हूं उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता रहे घनश्याम तिवाड़ी पर अप्रत्यक्ष रूप से तंज कसते हुए कहा कि मैं घनश्याम तिवाड़ी जैसा विद्रोह नहीं कर सकता।
उन्होंने गौ तस्करी के लिए तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसपी श्याम सिंह और वृत अधिकारी अनिल बेनीवाल पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जब यह लोग आए थे तो उन्होंने रामगढ़ की समस्या में गौ तस्करी गौतम गोकशी अवैध खनन सिंथेटिक दूध और लव जिहाद पर रोक लगाने की मांग की थी।
लेकिन यह अधिकारी इनमें पूरी तरह विफल रहे और इन्हीं के संरक्षण में यह खेल चलता गया उन्होंने ललावंडी में ग्रामीणों से बात करने के बाद कहा कि जिन लोगों को पुलिस ने गौ तस्कर की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है उन्हें धोखे से बुलाया गया था जबकि वह लोग तो पुलिस का सहयोग कर रहे थे और धोखे से बुलाने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने कहा कि गौ तस्करी के मामले में असलम और अकबर के खिलाफ मुकदमे दर्ज होनी चाहिए अगर पुलिस ने नहीं किया है तो उनके कार्यकर्ता इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएंगे। शनिवार की शाम को नौगांवा पुलिस द्वारा पकड़े गए गाय के मामले में उन्होंने कहा कि सन 1995 में राजस्थान गोवंश संवर्धन अधिनियम तत्कालीन मुख्यमंत्री भेरोंसिंह शेखावत ने पास किया था और इस अधिनियम के तहत कोई भी गोवंश की निकासी अगर होती है तो ट्रांजिट परमिट के आधार पर होती है जिसमें कम से कम उपखंड अधिकारी की स्वीकृति होना आवश्यक है। अगर नौगांवा पुलिस द्वारा गोवंश छोड़ा गया है तो यह गंभीर मामला है इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों व गृह मंत्री से की जाएगी।
अलवर के रामगढ़ में चल रहे क्रेशर के मामले में उन्होंने कहा कि आबादी बस्ती से कम से कम 14 सौ मीटर दूर क्रेशर या खान होनी चाहिए लेकिन यहां तो बिल्कुल आबादी क्षेत्र में ही है इन पर किसी भी तरह का अंकुश नहीं लगाया गया इस संबंध में उन्होंने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश से भी कई बार कहा था लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की।
उन्होंने कहा सड़क के किनारे बिक रहे गोमांस की बिरयानी पर रोक लगाने की मांग की। उन्होंने सरकार से कहा कि इस बिरयानी की लेबोट्री में जांच होनी चाहिए जिससे यह पता चल जाएगा कि बिरयानी गोमांस के बनी है या किसी अन्य जानवर के मांस की।
उन्होंने कहा कि रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के पांच मौलानाओं के उकसावे की वजह से ही गौतस्करी के मामले बढ़ रहे है।उन्होंने कहा कि रात को 12 बजे कौन दुधारू गायों को लेकर जाएगा और वह भी कच्चे रास्ते से उन्होंने कहा कि यह दोनों आरोपी 27 घटनाएं कर चुके हैं उसके बावजूद भी पुलिस इन को गौ तस्करी का मामला नहीं मान रही है अब तो तस्कर लग्जरी गाड़ियों में भी गायों को ले जाने लगे हैं।