जयपुर। राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डा सतीश पूनियां ने राज्य की कांग्रेस सरकार पर जन सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा है कि नागौर के नावां में भाजपा नेता एवं व्यवसायी जयपाल पूनियां हत्या मामले में अगर आरोपी चौबीस घंटे में नहीं पकड़े गए तो नावां से जो आगाज हुआ है, जनता इसे अंजाम में बदलेगी और इस अन्याय का बदला लेगी।
डा पूनियां आज इस मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो से जांच को लेकर दिए जा रहे धरना–प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विधायक रूपाराम, मानसिंह एवं गजेन्द्र सहित तमाम लोग मजबूती से बैठे हैं, इसे सरकार और प्रशासन को हल्के में लेने की आवश्यकता नहीं, ये तो फिल्म का ट्रेलर है भाई जयपाल को न्याय दिलाने का संकल्प है और अगर 24 घंटे में अपराधी नहीं पकड़े गए तो नावां से तो आगाज हुआ है, राजस्थान की जनता इसको अंजाम में बदलेगी और इस अन्याय का बदला लेगी।
उन्होंने कहा कि राजस्थान में रोज औसतन सात हत्या एवं 18 रेप होते हैं और अब तक सात लाख मुुकदमे राजस्थान में दर्ज हो गए। उन्होंने कहा कि जब तक जमीन में गर्मी पैदा नहीं करोगे तब तक जयपाल पूनिया जैसे लोगों को न्याय नहीं मिलेगा। कांग्रेस सरकार के खिलाफ इतनी मजबूती के साथ इस धरने की शुरूआत की गई है, कई बार राख जब चिंगारी बनती है तो उसमें सत्ता का तानाशाही सिंहासन भी जल कर राख हो जाता है।
डा पूनियां ने कहा कि भाजपा नेता हरीश कुमावत ने इस मामले को लेकर अनिश्चितकाल धरने की घोषणा की है और इनका पसीना इस सरकार के ताबूत में अंतिम कील साबित होगा। उन्होंने सवाल करते हुए हुए कहा कि जिन्होंने जनघोषणा पत्र में राजस्थान की जनता को यह कहा था कि हमारी सरकार आएगी तो हम सुरक्षा देंगे, अब प्रदेश के गृहमंत्री मौन क्यों हैं, मौन इसलिए हैं कि वह जयपाल सरीखे कितने ही लोगों की हत्या का जिम्मेदार है और जन सुरक्षा देने में पूरी तरह विफल हैं।
उन्होंने कहा कि जिन किसानों की कर्जामाफी का वादा किया था, ऐसे 60 लाख किसान, एक लाख 20 हजार करोड़ का कर्जामाफी का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश के नौ हजार किसान जिनकी जमीनें नीलाम हो गई, दर्जनों किसानों ने आत्महत्या कर ली।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि देश का सबसे शांत प्रदेश और दुनिया घूमने वाला हर तीसरा पर्यटक राजस्थान इसलिए आता है कि यहां शांति, सुरक्षा, सदभाव है, लेकिन इस सबको बिगाड़ने एवं नजर लगाने का गैर जिम्मेदार कोई है तो वह मुख्यमंत्री हैं। करौली से लेकर जोधपुर तक लगातार एक सिलसिला है, जिसमें वोट बैंक की, तुष्टीकरण की राजनीति के नाम पर इस प्रदेश के बहुसंख्यकों के हितों की अनदेखी व उन पर चोट करने की अनदेखी हुई है।
उन्होंने कहा कि जनता के हक की लड़ाई दल एवं विचार नहीं देखती, जनता के हक की लड़ाई एक विचार के लोग जब धरातल पर मजबूती से लड़ते हैं तो सत्ता के पाये हिल जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस कितना ही चिंतन कर ले लेकिन उसको अस्तित्व की चिंता करनी पड़ेगी, राजस्थान को जिस प्रकार से बारूद के ढेर पर बैठा दिया, जिस तरह से भ्रष्टाचार का नंगा नाच हो रहा है, अस्पताल बीमार हो गए, स्कूल लाचार हो गए। पिछले तीन साल की कहानी राजस्थान सरकार की राज्य की जनता के साथ इससे बड़ा अन्याय नहीं हो सकता।