अजमेर। पूर्व सांसद ओंकारसिंह लखावत ने कहा है कि कोरोना महामारी से प्रभावित सभी वर्गों के नागरिकों के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक संबल का प्रावधान किया है। पहली बार ग्रामीण क्षेत्र को आधार बनाकर विकास व आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए वित्तीय प्रावधानों की घोषणा की गई है। अपना गांव छोडकर बड़े शहरों में रोजगार के लिए गए करोड़ों श्रमिकों को अपना का सुरक्षा कवच है। उनके यहां आने पर रोजगार व भोजनादि के लिए अनाज की पर्याप्त व्यवस्था केन्द्र सरकार ने की है।
लखावत ने कहा कि जो श्रमिक खाद्य सुरक्षा कानून में पंजीबद्ध नहीं है उसे दो माह तक पांच किलो अनाज व एक किलो चना प्रति लाभार्थी देने की व्यवस्था केन्द्र सरकार ने करने का आदेश जारी कर दिया है। लगभग आठ करोड़ प्रवासियों को इसका लाभ होगा। मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने मनरेगा के लिए 40 हजार करोड़ रूपयों की अतिरिक्त स्वीकृति जारी की है। गांवों के जलाशय व जल संरक्षण होने से गांवों की दशा और दिशा दोनों बदलेगी।
लखावत ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मांग की है कि कोरोना 19 के प्रारम्भ होने के बाद केन्द्र सरकार ने राजस्थान को विभिन्न मदों पर जो आर्थिक सहयोग स्वीकृतियां जारी की हैं, उसको आमजन के समक्ष सार्वजनिक करें। खाद्यान्न व अन्य सामग्री की केन्द्र द्वारा दी गई स्वीकृतियों को भी आम जनता के सामने रखें।
लखावत ने कहां कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी द्वारा कहीं गई आशंका कि दिल्ली से एक रूपया भेजन पर अंतिम लाभार्थिक व्यक्ति तक पन्द्रह पैसा ही पहुंचता है। को निर्मूल करने और सभी आर्थिक अनियमितताओं को समाप्त करने के लिए नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार उपभोक्ता व लाभान्वित होने वाले व्यक्ति के खाते में सीधे राशि जमा कराने का ऐतिहासिक काम किया है। लखावत ने कहा कि इससे बिचौलियों के है तौबा मची हुई है।