जयपुर। राजस्थान के पूर्व मंत्री एवं राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता राजेन्द्र राठौड़ ने उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत पर दिए बयान का स्वागत करते हुए कहा है कि मौतें किन संसाधनों की कमी के चलते हुई, इसकी भी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।
शनिवार को पायलट के बयान कि शिशुओं की मृत्यु से वह आहत हैं, शिशु मृत्यु दर पर बहस आंकड़ों के जाल में न होकर पहले क्या हुआ, क्यों हुआ से हटकर निश्चित जवाबदेही तय होनी चाहिए, का समर्थन करते हुए राठौड़ ने कहा कि पायलट का यह स्वीकार करना कि शिशुओं की मौत किन संसाधनों की कमी के वजह से हुई इसकी भी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए, सरकार की अकर्मण्यता पर प्रश्नचिन्ह लगाता है।
उन्होंने सोनिया गांधी को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने राजस्थान के जेके लोन हॉस्पिटल कोटा सहित अलवर, बूंदी एवं जोधपुर में लगातार हो रही शिशुओं की मृत्यु के कारण राज्य सरकार की लापरवाही एवं संवेदनहीनता के कारण उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए अपने विश्वसनीय उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को मौजूदा स्थिति को नियंत्रित करने एवं वस्तुस्थिति की रिपोर्ट देने के लिए कोटा चिकित्सालय का दौरा करने के निर्देश दिए।
राठौड़ ने कहा है कि पायलट के परिश्रम एवं लोकप्रियता ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में महत्ती भूमिका निभाई थी। चिकित्सा विभाग सहित जनता से जुड़ा राज्य का हर विभाग कांग्रेस की गंभीर गुटबंदी का शिकार है जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण कल राज्य के चिकित्सा मंत्री एवे यातायात मंत्री का कोटा दौरा और 24 घंटे में उप मुख्यमंत्री सहित खाद्य मंत्री एवं सहकारिता मंत्री के दौरे से स्वतः ही स्पष्ट होता है। इस आपसी खींचतान का खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ रहा है।
राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकारें सामुदायिक उत्तरदायित्व के संवैधानिक प्रावधानानुसार चलती है, ऐसे में उप मुख्यमंत्री पायलट द्वारा शिशुओं की असामयिक मौत पर जवाबदेही तय करने की बात स्वतः ही चिकित्सा मंत्री को त्याग पत्र देने की ओर इशारा है। यह सरकारी तंत्र की विफलता को पूर्णतया उजागर करता है।