जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भारतीयय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा औचित्यहीन एवं अनर्गल बयानबाजी को उनकी सम्भावित हार से प्रेरित बौखलाहट का परिचायक बताया है।
पायलट ने सोमवार को एक बयान में कहा कि कांग्रेस ने भाजपा सरकार से उसके कार्यकाल से संबंधित 37 प्रश्न पूछे थे, परन्तु उनका जवाब देने के स्थान पर व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति शुरू कर मुख्यमंत्री सहित भाजपा के सभी नेता खुद ही बेनकाब होते जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला मुख्यमंत्री होने से महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं आना बताता है कि मुख्यमंत्री की संवेदनहीनता के कारण महिला उत्पीडन चरम पर है।
उन्होंने कहा कि समाजकंटक कानून-व्यवस्था की लचरता से बेखौफ होकर महिलाओं के शोषण को अंजाम दे रहे हैं जिसका ज्वलंत उदाहरण उदयपुर के अम्बामाता में महिला के साथ हुए अमानवीय कृत्य से सामने आया है।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार भाजपा सरकार बनने के बाद वर्ष 2014 में राजसमन्द में हुए घटनाक्रम की पीड़िता को आज भी सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ रहा है, यहां तक कि उसे सार्वजनिक स्थान से पानी तक नहीं भरने दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश की जनता अपने प्रदेश की सरकार से सुशासन की उम्मीद रखती है परन्तु दुर्भाग्य यह है कि प्रदेश की भाजपा सरकार इतने बड़े जनादेश का दुरूपयोग करती रही और अपने हित साधती रही।
उन्होंने कहा कि ललित गेट-माईनिंग स्कैम से शुरू हुआ भ्रष्टाचार को संस्थागत करने का मामला निरन्तर पौने पांच वर्षों तक जारी रहा और समाज के कमजोर तबकों के साथ अन्याय बढ़ता रहा।
उन्होंने कहा कि चुनावी वर्ष में तो शासन की डोर इतनी ढीली पड़ गई कि हर वर्ग अपनी अनदेखी को व्यक्त करने के लिए सडक़ों पर उतर गया, परन्तु सुनवाई करने की जगह भाजपा सरकार ने हर वर्ग का दमन कर अपनी अराजक कार्यप्रणाली का उदाहरण प्रस्तुत किया है।