जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता दिल्ली से आकर राजस्थान में झूठ फैलाते हैं।
गहलोत ने आज यहां जारी बयान में कहा कि यह जनता अच्छी तरह समझती है इसके चलते जनता ने नगरीय निकाय चुनावों में इनके झूठे और भ्रामक प्रचार का करारा जवाब दिया है, लेकिन भाजपा नकारात्मक राजनीति से बाज नहीं आ रही है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सात फरवरी को जयपुर में मिथ्या आरोप लगाया कि राहुल गांधी ने 10 दिन में कर्जमाफी का वादा किया था, लेकिन यह पूरा नहीं हुआ। ईरानी ने तथ्यों का अध्ययन नहीं किया लिहाजा उन्होंने तथ्यात्मक गलत बयान दिया है।
गहलोत ने कहा कि 17 दिसंबर 2018 को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दो दिन बाद 19 दिसंबर को उन्होंने प्रेस वार्ता करके किसानों की कर्जमाफी का ऐलान किया था। राजस्थान सरकार ने अपने अधीन सभी सहकारी एवं भूमि विकास बैंकों से 20 लाख 56 हजार किसानों के 30 नवंबर 2018 तक किसानों के सम्पूर्ण बकाया फसली ऋणों को माफ किया।
साथ ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा की गई कर्जमाफी के 6072 करोड़ रुपए का भुगतान भी कांग्रेस सरकार ने किया। कांग्रेस सरकार ने कुल 14 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के किसानों के कर्ज माफ किए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता कह रहे हैं कि राज्य सरकार ने वेट बढ़ा रखा है। केन्द्र में जब यूपीए की सरकार थी तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 130 डॉलर प्रति बैरल थीं, लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम 70 रुपए से कम रहते थे।
मोदी सरकार के कार्यकाल में कच्चे तेल की कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं तब भी पेट्रोल-डीजल के दाम 90 रुपये के आसपास क्यों है? गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने 10 दिन पहले ही वेट में दो प्रतिशत की कटौती की है। केन्द्र सरकार को भी बजट में केंद्रीय करों को कम करने का साहस दिखाना चाहिए था।
उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक्साइज ड्यूटी कम की लेकिन एक नया सेस लगा दिया जिससे कोई फायदा आम जनता को न मिल सके। आम जनता को मालूम नहीं है कि पेट्रोल-डीजल पर लगने वाली मूल कर का कुछ हिस्सा राज्यों को भी मिलता है, लेकिन मोदी सरकार ने इसमें राज्यों के हिस्से को लगातार कम किया है।
केन्द्र सरकार षडयंत्रपूर्ण तरीके से पेट्रोल-डीजल पर स्पेशल एक्साइज ड्यूटी और एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को बढ़ा रही है जिससे राज्यों को कोई फायदा न मिले और केन्द्र सरकार का खजाना भरता रहे।
गहलोत ने कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में राजस्थान से ज्यादा वेट और टैक्स लग रहे हैं। राजस्थान में पैट्रोल पर 36 प्रतिशत वेट एवं 1.5 रुपए सेस और डीजल पर 26 प्रतिशत वेट एवं 1.75 रुपए सेस है। जबकि मध्य प्रदेश में पेट्रोल पर 33 प्रतिशत वेट के साथ ही 4.5 रुपए प्रति लीटर अतिरिक्त वेट एवं 1 प्रतिशत सेस है एवं डीजल पर 23 प्रतिशत वेट, 3 रुपए अतिरिक्त वेट एवं 1 सेस है जो राजस्थान से ज्यादा है।