सबगुरु न्यूज-सिरोही। भाजपा शिवगंज और पिण्डवाड़ा में अप्रत्याशित कर सकती है। यहां पर भाजपा के कई पुराने सदस्यों को फिर टिकिट मिलने के लाले पड़ सकते हैं। वहीं सिरोही में एक ही परिवार का बोलबाला दिख सकता है। माउण्ट आबू के बारे में कहा जा रहा है कि कांग्रेस और भाजपा एक ही गोद में बैठकर चुनाव फिक्सड मैच देखने की नौटंकी कर सकती है।
पिण्डवाड़ा की पूर्व पालिकाध्यक्ष खुशबू पुरोहित से खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले सदस्यों को उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। वहां पर विधायक समाराम गरासिया और कैलाश रावल गुट के बीच खींचतान दिख रही है। इसके अलावा एक ही परिवार का वर्चस्व भी खतरे में पड़ सकता है।
इसी तरह शिवगंज में भी उन सदस्यों पर गाज गिर सकती है, जिनकी अर्जी पर वहां की पालिकाध्यक्ष कंचन सोलंकी को राज्य सरकार ने बर्खास्त कर दिया था। वैसे इसका खामियाजा भाजपा को चुनाव मैदान में भुगतना पड़ सकता है। इसी तरह सिरोही में भी कई वार्डों में हेलीकॉप्टर उतरने की हवा को लेकर भाजपा पार्षद परेशान हैं। यहां पर भी कुछ पुराने पार्षदों पर गाज गिर सकती है और ये लोग निर्दलीयों के तौर पर चुनाव मैदान में उतरने के लिए भी तैयार हैं।
देर रात को यहां एक ही परिवार पर मेहरबानी बरसाने की बात सामने आने पर भाजपाइयों में रोष भी देखने को मिल रहा है। सिरोही तक चर्चा है कि माउण्ट आबू में कांग्रेस के जयपुर से आए पदाधिकारी उसी गोद में बैठकर गए, जहां से भाजपा पहले ही कुलांचे मार रही थी। ऐसे में वहां का मैच फिक्स मानते हुए कांग्रेस के बाजी मारने की संभावनाएं पहले ही जताई जा रही है। एक ही कमरे से दोनों पार्टियों के टिकिटों पर सहमति-असहमति बनने को लेकर दोनों ही पार्टियां स्थानीय क्रिटिक्स के निशाने पर हैं।
-विवादों को टालने के लिए उठाया ये कदम
नगर निकाय चुनावों में इस बार पर्यवेक्षकों ने ज्यादा बैठकें की और न ही स्थानीय स्तर पर चर्चाएं। जयपुर में ही टिकिटों पर चर्चा के बाद सिंबल भेजने की रणनीति अपनाई गई, जिससे विवादों की संभावना नहीं रहे। इसलिए मंगलवार को अंतिम दिन नामांकन दाखिल करने के अंतिम समय में सिंबल पहुंचने की संभावनाएं हैं ताकि विवादों को टाला जा सके।