लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने पिछले छह महीनों के दौरान योगी मंत्रिमंडल के दो सदस्यों समेत अपने पांच विधायकों को खो दिया है।
विधानसभा ने गुरूवार को शुरू हुए संक्षिप्त मानसूत्र सत्र के पहले दिन कबीना मंत्री कमलरानी वरूण और चेतन चौहान के अलावा भारतीय जनता पार्टी विधायक वीरेन्द्र सिंह सिरोही और समाजवादी पार्टी सदस्य पारसनाथ यादव के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त की थी जबकि देर रात भाजपा के एक और विधायक जन्मजेय सिंह का हृदयाघात से निधन हो गया।
देवरिया के सदर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सिंह विधानसभा सत्र में भाग लेने लखनऊ आए थे जहां देर रात उन्हें दिल का दौरा पड़ा। सिविल अस्पताल के डाक्टरों ने उनकी गंभीर हालत को देखते हुए लोहिया अस्पताल रेफर कर दिया। पेस मेकर लगाने के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। वर्ष 2012 और 2017 में भाजपा के टिकट पर निर्वाचित सिंह 75 साल के थे।
इससे पहले बुलंदशहर सदर से भाजपा विधायक वीरेन्द्र सिंह सिरोही का दो मार्च को दिल्ली के एक अस्पताल में निधन हो गया था। करीब 74 वर्षीय सिरोही लीवर की बीमारी से पीड़ित थे। सिरोही के बाद समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता और जौनपुर के मल्हनी विधानसभा क्षेत्र से विधायक पारसनाथ यादव का लंबी बीमारी के बाद 12 जून को निधन हो गया था। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी यादव छह बार विधायक, दो बार सांसद और तीन बार कैबिनेट मंत्री रहे थे।
इस बीच योगी सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमलरानी वरूण का निधन कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से दो अगस्त को एसजीपीजीआई में हो गया था। दो बार भाजपा की सांसद रही वरूण 2017 के चुनाव में पहली बार घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुई थी।
भाजपा सरकार अभी अपने एक मंत्री के निधन के शोक से उबर भी नहीं पाई थी कि होमगार्ड मंत्री और पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज चेतन चौहान 16 अगस्त को निधन हो गया। 73 वर्षीय चौहान कोरोना की चपेट में आकर एसजीपीजीआई में भर्ती हुए थे जहां किडनी में संक्रमण के कारण उन्हे गुरूग्राम के मेंदाता अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
यूपी विधानसभा में कल शुरू हुए विधानसभा सत्र के पहले दिन गुरूवार को विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कमल रानी वरुण, चेतन चौहान, पारसनाथ यादव, वीरेन्द्र सिंह सिरोही के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की थी। दीक्षित ने कहा था कि प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार है जब विधानसभा को अपने चार मौजूदा सदस्यों के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त करनी पड़ रही है।