जयपुर। राजस्थान में भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि विधानसभाध्यक्ष डा सीपी जोशी ने मेरी याचिका को बिन सुने ही निरस्त कर दिया है।
दिलावर ने रविवार को जारी बयान में कहा कि 18 सितम्बर 2019 को बहुजन समाज पार्टी के हाथी के निशान पर चुने हुए छह सदस्यों को इंडियन नेशनल कांग्रेस में विलय के आदेश जारी किए। जिस पर मैंने संविधान की दसवीं अनुसूची के अनुसार बसपा के छह सदस्यों को अयोग्य करार किए जाने की याचिका 16 मार्च, 2020 को विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी के समक्ष प्रस्तुत की थी। जिस पर उन्होंने कोई विचार नहीं किया।
उन्होंने कहा कि इस पर मैंने 17 जुलाई को याचिका पर शीघ्र निर्णय करने के लिए उन्हें स्मरण पत्र सौंपा। दिलावर ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हुआ कि याचिका के संबंध में समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचार से ज्ञात हुआ कि मुझे बिना सुने, बिना नोटिस दिए याचिका निरस्त कर दी गई।
यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत के विरुद्ध है, जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस के 19 सदस्यों के विरूद्ध प्रस्तुत दल विरोधी याचिका 14 जुलाई को प्रस्तुत हुई और उसी दिन रात्रि में ही नोटिस जारी करके सदस्यों को 17 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने का आदेश भी दे दिया। दिलावर ने कहा कि वह पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से चर्चा करके आवश्यक विधिक कार्रवाई करेंगे।