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शिक्षण संस्थानों की हो रही दुर्दशा : वासुदेव देवनानी - Sabguru News
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शिक्षण संस्थानों की हो रही दुर्दशा : वासुदेव देवनानी

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शिक्षण संस्थानों की हो रही दुर्दशा : वासुदेव देवनानी

जयपुर। राजस्थान में पूर्व मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के विधायक वासुदेव ने आज विधानसभा में राज्य सरकार पर शिक्षण संस्थानों की दुर्दशा होने का आरोप लगाते हुए अध्यापक पात्रता परीक्षा (रीट) मामले में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डी पी जारोली को गिरफ्तार करने की मांग की।

देवनानी ने शिक्षा कला एवं संस्कृति विभाग की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा की शुरुआत की और रीट मामले को उठाते हुए मांग की कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष डीपी जारोली को इस मामले में गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जारोली को गिरफ्तार करने, मामले की केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच करने एवं आरोपियों का नार्को टेस्ट कराना चाहिए तब जाकर इस मामले की असलियत सामने आएगी। उन्होंने कहा कि बच्चों के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि स्कूल शिक्षा की बात की जाए तो विद्यालय राजनीति के अखाड़े बन गए हैं। समय पर डीपीसी नहीं होने से कर्मचारियों का उद्देश्य पूरे नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी विद्यालय खोले गए लेकिन हिन्दी माध्यम से पढ़ने वाले बच्चों की व्यवस्था नहीं होने से परेशानी हो रही है।

उन्होंने कहा कि स्कूलों में बिजली एवं पानी के बिल नि:शुल्क करना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों को गरम भोजन की योजना लाई गई लेकिन इसके लिए राशि उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजस्थान के कई विश्वविद्यालयों में स्वीकृत पदों में कई पद खाली पड़े।

चर्चा में भाग लेते हुए निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने शिक्षा के मामले में किए राज्य सरकार के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि पढ़ने वाले बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए स्कूली शिक्षा में कई नवाचार किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों में शनिवार को नो बैग योजना शुरु की गई जिसके तहत महीने के हर शनिवार को अलग अलग विषयों के बारे में बच्चों को बताया जा रहा है जिससे उनका सर्वांगीण विकास हो रहा है। उन्होंने कहा कि पहले की भांति अब परिस्थितियां नहीं रही हैं और जागरुकता बढ़ी हैं और इसके लिए सरकार ने भी काफी प्रयास किए हैं और रोजगारपरक शिक्षा दी जा रही हैं। इसी तरह अन्य सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया।

भाजपा सदस्यों ने सदन से किया बहिर्गमन

राजस्थान विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी सदस्यों ने अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र जारी किये जाने संबंधी नये दिशा निर्देशों में विसंगति होने से उत्पन्न स्थिति के मामले पर अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाले मोहम्मद के जवाब से असंतुष्ट होकर आज सदन का बहिर्गमन किया।

शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और भाजपा विधायक शंकर सिंह रावत ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए यह मामला उठाया और कटारिया ने अल्पसंख्यक सर्टिफिकेट जारी करने में सरलीकरण के बहाने धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया और कहा कि मंत्री ने एक व्यक्ति के आधार पर कलेक्टर को चिट्ठी लिखकर अल्पसंख्यक प्रमाण-पत्र जारी करने के बारे में कहा गया जो दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

उन्होंने कहा कि मंत्री ने एक व्यक्ति के कहने के बाद पत्र लिखा है। चीता, मेहरात, काठात जातियों के लोगों को केवल ओबीसी प्रमाण पत्र या शपथ पत्र के आधार पर अल्पसंख्यक प्रमाण पत्र देने का प्रावधान क​रना धर्मातंरण का लालच देना है और इस तरह धर्मांतरण का रास्ता खोला जा रहा हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि बच्चों को छात्रावास में भर्ती कराने का लालच देकर धर्मांतरण कराने का प्रयास हो रहा है। उन्होंने कहा कि इससे असंतोष पैदा हो रहा है।

मोहम्मद ने अपने जवाब में प्रमाण पत्र बनाने की पूरी प्रक्रिया तय है और उन्होंने चिट्ठी लिखकर सरकार के तय नियमों के अनुसार ही कार्यवाही करने के लिए कहा था। अगर गलत प्रमाण-पत्र जारी होता हैं तो जिला स्तर पर कमेटी बनी हुई हैं वह निरस्त कर सकती है। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष डा सीपी जोशी ने चर्चा समाप्त कर दी लेकिन भाजपा सदस्य मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और बोलने लगे। बाद में भाजपा सदस्य 12 बजकर 32 मिनट पर सदन से बहिर्गमन कर गए।